दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने दिल्ली में छठ महापर्व को मनाने की इजाजत देने के संबध में दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखा जिसको पूर्वांचल कांग्रेस के नेताओं ने उपराज्यपाल निवास पर दिया। ज्ञातव्य है कि दिल्ली की अरविन्द सरकार ने सार्वजनिक घाटों पर छठ पूजा मनाने पर पांबदी लगाने का आदेश जारी करके पूर्वांचलवासियां की आस्था से खिलवाड़ किया है, जबकि पूर्वाचंलवासियों के लिये छठ आस्था का सबसे बड़ा महापर्व है। पत्र का कॉपी संलग्न है।
उपराज्यपाल निवास पर पत्र देने वालां में दिल्ली प्रदेश पूर्वाचंल कांग्रेस अध्यक्ष शिवजी सिंह, संयोजक प्रदीप पांडे, महासचिव तपन झा मुख्य तौर पर शामिल थे।
उपराज्यपाल को लिखे पत्र में अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में जब शराब के ठेके, शादियां, बस यातायात, साप्ताहिक बाजार, सिनेमा हॉल को कोविड प्रोटोकॉल के तहत खोलने की इजाजत दी जा चुकी है, यहां तक कि फाइव-स्टार होटलों के स्वीमिंग पूल को भी खोल दिया गया है तो फिर दिल्ली सरकार पूर्वाचंलवासियों की भावनाओं की अनदेखी करके छठ पूजा के आयोजन पर पाबंदी क्यों लगा रही है। दिल्ली में भाजपा की जन-आर्शीवाद यात्रा को तो सुचारु रुप से चलने दिया गया था।
अध्यक्षता में 27 अक्टूबर, 2021 को डीडीएमए के साथ होने वाली बैठक पूर्वांचलवासियों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए छठ महापर्व को को सार्वजनिक स्थलों पर मनाने की इजाजत दी दें। दिल्ली प्रदेश पूर्वाचल कांग्रेस ने कहा कि अगर सरकार पूर्वाचंलवासियों के अधिकार छठ पर्व को सार्वजनिक घाटों पर मनाने की इजाजत नही देगी तो वे आमरण अन्शन पर बैठने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की होगी।
अनिल कुमार ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया कि वे आस्था के प्रतीक छठ पर्व को रोकने के दिल्ली सरकार के फैसले को निरस्त करके पूर्वाचंलवासियों को छठ महापर्व को कोविड प्रोटोकॉल के अंर्तगत सार्वजनिक स्थलों पर मनाने की इजाजत दे तथा समानांतर दूरी के ध्यान में रखते हुए घाटों की संख्या बढ़ाई जाए।