दिल्ली के ऊर्जा मंत्री श्री सत्येंद्र जैन ने आज 100 किलोवाट-पीक के माइक्रो-ग्रिड सौर ऊर्जा स्टेशन और 460 किलोवाट प्रति घंटे की क्षमता वाले चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया। इस मौके पर दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के अध्यक्ष व पूर्व न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन, जर्मनी सरकार और भारत के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के अधिकारी भी उपस्थिति रहे। इस स्मार्ट पावर ग्रिड सिस्टम को पायलट आधार पर दिल्ली के मालवीय नगर स्थित शिवालिक ग्रिड परिसर में लगाया गया है। यह अत्याधुनिक पावर ग्रिड बिजली की अधिक मांग के समय लोड को कुशलता पूर्वक संभालेगा और दिल्ली के लोगों को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति को सुनिश्चित करेगा। ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार इस तकनीक को पूरी राजधानी में दोहराएगी।
इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली के मालवीय नगर में एक माइक्रो-ग्रिड सौर ऊर्जा स्टेशन और चार्जिंग स्टेशन शुरू किया गया है। इस परियोजना में दिल्ली सरकार का सहयोग देने के लिए जर्मनी सरकार का आभार व्यक्त करता हूं। यह हम सभी को सीखने का एक अवसर देगा। हम ऊर्जा के क्षेत्र प्रयोग करते रहेंगे और इसे आगे बढ़ाएंगे। इस ग्रिड की गुणवत्ता उच्चस्तरीय है। यह सौर पैनल और चार्जिंग स्टेशन ऊर्जा कुशल होने के साथ-साथ सुंदर भी दिखते हैं, जो इसे अलग बनाता है। इसको बनाते समय हर बारीकी का ध्यान रखा गया है। हम इस ग्रिड का उपयोग दिल्ली की ऊर्जा प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए करेंगे। यह परियोजना ऊर्जा के क्षेत्र में एक क्रांति है और इसे बड़े पैमाने पर पूरी दिल्ली में दोहराया जाना चाहिए।
ऊर्जा मंत्री श्री सत्येंद्र जैन ने आगे कहा, “हम इस ग्रिड की क्षमता सैकड़ों मेगावाट तक बढ़ाने का प्रयास करेंगे। यदि हम विभिन्न स्थानों पर 10 या 20 मेगावाट की क्षमता वाले ऐसे ग्रिड स्थापित करते हैं और इसे 600 या 800 मेगावाट तक पहुंचाते हैं, तो हमारी ग्रिड प्रणाली को और अधिक मजबूत मिलेगी। दिल्ली सरकार निश्चित रूप से ऐसा करने के लिए प्रयास करेगी।”
यह स्मार्ट माइक्रो-पावर ग्रिड दिल्ली के ऊर्जा तंत्र को और मजबूत करेगा और दिल्ली के लोगों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। दिल्ली सरकार की इस अत्याधुनिक परियोजनाओं से बिजली की अधिक मांग के समय प्रभावी ढंग से लोड का वितरण करके पावर ग्रिड को स्थिर रखने में मदद मिलेगी।
यह पावर ग्रिड सबसे अलग है, क्योंकि यह बिजली बनाने के लिए सौर पैनलों का उपयोग करता है, जिसमें 460 किलोवाट प्रति घंटे की उच्च क्षमता वाली बैटरियां लगी हुई हैं। इस ग्रिड में 100 किलोवाट-पीक (केडब्ल्यूपी) के सौर पैनल लगाये गए हैं। उल्लेखनीय है कि किलोवाट-पीक (केडब्ल्यूपी) वह दर है, जिस पर यह सौर पैनल अपने चरम पर ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।
इससे पहले, टाटा पावर ने भी ऐसा ही एक स्मार्ट ग्रिड सिस्टम लगाया था। दिल्ली सरकार आधुनिक तकनीकों से दिल्ली के ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। दिल्ली सरकार के इस प्रयास से न केवल बिजली उत्पादन की लागत कम होगी, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में पर्यावरण के अनुकूल एक टिकाऊ मॉडल भी तैयार होगा।