बिकरु कांड पर नये डीजीपी मुकुल गोयल का आया बड़ा बयान

यूपी के नए डीजीपी के रूप में मुकुल गोयल (UP New DGP) ने पदभार संभाल लिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह राज्य की कानून-व्यवस्था को और मजबूत बनाने पर ध्यान देंगे. उन्होंने साफ किया कि राज्य में क्राइम को कंट्रोल करना पुलिस की जिम्मेदारी है. इसके साथ ही मुकुल गोयल ने कहा कि पुलिसकर्मियों को जनता से जुड़कर उनसे दूरी कम करने पर ध्यान देना चाहिए. नए डीजीपी ने कहा कि इससे क्राइम कंट्रोल करने में मदद मिलेगी.

नए डीजीपीमुकुल गोयल ने कहा कि सभी अधिकारियों को फील्ड में रहना चाहिए और सभी पुलिसकर्मियों का काम देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो पुलिसकर्मी अच्छा काम कर रहे हैं उनका हौसला बढ़ाए जाने की जरूरत है. मुकुल गोयल ने कहा कि टेक्नॉलॉजी का समावेश आज के समय में बहुत ही जरूरी है. इसकी मदद से ला एंड आर्डर को मेंटेन किया जाएगा.

बिकरु कांड पर नए डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि मामले को अगर ठीक से हैंडल किया गया होता तो शायद इतनी बड़ी घटना को होने से रोका जा सकता था. वहीं अवैध धर्मांतरण पर उन्होंन कहा कि मामले से जुड़ी सभी जानकारियां वह ले रहे हैं. जो भी इस मामले में दोषी होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा.

मूल रूप से शामली जनपद के रहने वाले महेंद्र कुमार गोयल के बड़े पुत्र मुकुल गोयल वर्ष 1987 बैच के आईपीएस हैं। आईपीएस मुकुल गोयल के पिता महेंद्र कुमार गोयल व उनकी माताजी हेमलता गोयल ने करीब 25 साल पूर्व शहर के भरतिया कॉलोनी में आवास बनाकर यहां रहना शुरू कर दिया था। मुकुल गोयल आईआईटी दिल्ली से बीटेक हैं और एमबीए भी हैं। यूपी के अपने कार्यकाल में आजमगढ़ के एसपी और वाराणसी,गोरखपुर, सहरानपुर, मेरठ जिलों के एसएसपी रह चुके हैं। मुकुल गोयल कानपुर, आगरा, बरेली रेंज के डीआईजी और बरेली जोन के आईजी भी रह चुके हैं। इसके अलावा मुकुल गोयल केंद्र में आईटीबीपी, बीएसएफ, एनडीआरएफ में भी काम कर चुके हैं। आईपीएस मुकुल गोयल को वीरता के लिए पुलिस पदक (2003), सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक (2003) और विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (2012) से भी नवाजा जा चुका है।

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पंकज चतुर्वेदी 'नमामि भारत' वेब न्यूज़ सर्विस में समाचार संपादक हैं। मूल रूप से गोंडा जिले के निवासी पंकज ने अपना करियर अमर उजाला से शुरू किया। माखनलाल लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में परास्नातक पंकज ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी में पत्रकारिता की और पंजाब केसरी के साथ काम करते हुए राष्ट्रीय राजनीति को कवर किया है। लेकिन मिट्टी की खुशबू लखनऊ खींच लाई और लोकमत अखबार से जुड़कर सूबे की सियासत कवर करने लगे। 2017 में पंकज ने प्रिंट मीडिया से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरफ रुख किया। उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित चैनल न्यूज वन इंडिया से जुड़कर पंकज ने प्रदेश की राजनीतिक हलचलों को करीब से देखा समझा। 2018 से मार्च 2021 तक जनतंत्र टीवी से जुड़े रहें। पंकज की राजनीतिक ख़बरों में विशेष रुचि है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही पॉलिटिकल रिपोर्टिंग की तरफ झुकाव रहा है। वह उत्तर प्रदेश की राजनीति की बारीक समझ रखते हैं।
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