नैमिष शुक्ल। सीतापुर जिला जज के चैम्बर में अधिवक्ताओं द्वारा एसपी का मोबाइल छीनकर उनसे अभद्रता करना तथा उनके एक सब इंस्पेक्टर की जूतों से पिटाई किये जाने के मामले में अब जिला प्रशासन बेहद सख्त रुख अख्तियार करता दिखाई दे रहा है. जिला प्रशासन ने दोषी मान रहे अधिवक्ताओ की गिरफ्तारी के लिए कई जगहो पर ताबडतोड छापेमारी करके दो अधिवक्ताओ को गिरफ्तार करके जेल भी भेजा जा चुका है ।
जिला प्रशासन ने बुधवार को हुई वारदात के बाद अब ईंट का जवाब पत्थर से देने की रणनीति के तहत पूरे कचहरी परिसर को पुलिस फोर्स से घेर रखा था. दो अधिवक्ताओ की गिरफ्तारी के विरोध में अन्य अधिवक्तागण अब कोई विरोध प्रदर्शन न कर सके इसकी प्रशासन ने पूरी तरह से तैयारी मुकम्मल कर रखी थी जिससे बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ उच्चधिकारी पूरी तरह से मुस्तैद दिख रहे थे. जिससे अधिवक्तागण अब पूरी तरह से सहमे से नजर आ रहे है प्रशासन की सख्त जवाबी कार्रवाई का रुख जानकर अधिवक्ता अब किसी भी विरोध से कतराने लगे है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कि अपने दो साथी अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी से नाराज़ अधिवक्ताओं ने बुधवार को जिला जज सीतापुर के चैम्बर में एसपी का मोबाइल छीनकर उनके साथ अभद्रता करने के साथ ही साथ एक सब इंस्पेक्टर की जमकर जूतों से पिटाई भी कर दी थी. इस मामले में प्रशासन अब सख्त कार्रवाई करने का रुख अखित्यार करता जा रहा है. दोषी वकीलों के खिलाफ गम्भीर धाराओ में केस दर्ज किया जा गया है और उनमें से दो वकीलों को बीती रात गिरफ्तार करके जेल भी भेजा जा चूका है शेष नामजद वकीलों की गिरफ्तारी के लिए कई पुलिस टीमें लगातार छापामारी कर रही है जिससे उनकी गिरफ्तारी करके तत्काल जेल भेजा जा सके ।
जिसकी बागडोर खुद सीतापुर की डीएम सीतल वर्मा व एसपी प्रभाकर चौधरी ने अपने हाथ में ले रखी हैं. उनका कहना है कि इस मामले में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। उपरोक्त प्रकरण में हाईकोर्ट से भी पत्राचार किया जा रहा है यह प्रभाकर चौधरी पुलिस अधीक्षक सीतापुर ने बताया ।
क्या था पूरा मामला जिस पर पुलिस और अधिवक्ता आपस में भिड़े थे –
सीतापुर का नेत्र चिकित्सालय के निकट तथा शहर के आफीसर्स कालोनी व डीएम आवास जाने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित वर्ष 1845 में स्थापित किए गए सीतापुर क्लब नजूल की भूमि पर बना हुआ था जसमे डीएम सीतल वर्मा ने छानबीन में पाया कि इसकी पट्टावधि समाप्त हो गई थी। फिर भी उस पर कब्जा बरकरार था डीएम ने उक्त क्लब के खाली कराकर उस पर प्रशासनिक कब्जा ले लिया तथा उसका चार्ज सिटी मजिस्ट्रेट को दे दिया। इसी क्लब की जमीन पर वर्षों से पैसा लेकर ढ़ाबा चलवाया जा रहा था जिसे सरदार अमरजीत सिंह द्वारा संचालित किया जा रहा था डीएम व एसपी के निर्देश पर नगर पालिका द्वारा जेसीबी लाकर उसे धराशाई करा दिया गया तथा उस जमीन को पास स्थित सिविल लाइन पुलिस चौकी की जिम्मेदारी में दे दिया गया। जिस पर डीएम ने चेक पोस्ट बनाए जाने के निर्देश दिए हैं