आज लखनऊ से बड़ी खबर आई है आज सुबह यूपी के मुख़्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2 जिले के डीएम को सस्पेंड कर दिया है। ये दोनो जिले हैं गोंडा और फतेहपुर। गोंडा जिले के डीएम जेबी सिंह को खाद्यान्न तथा अवैध खनन मामले में तथा फतेहपुर डीएम कुमार प्रशांत को जमीन आवंटन और गेहूँ खरीद मामले में सस्पेंड किया गया है। गोंडा के डीएम जे.बी. सिंह और फतेहपुर के डीएम कुमार प्रशांत के खिलाफ लगातार अवैध खनन में शामिल और वित्तीय गडबडियों की शिकायतें मिल रही थीं। जिसपर कार्रवाई करते हुए सीएम योगी ने दोनों जिलाधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।
बताया जा रहा है कि गोंडा में तैनात जिलाधिकारी जेबी सिंह को अपने डिलमुल रवैया का खामियाजा भुगतना पड़ा, जिलाधिकारी द्वारा प्रशासनिक कार्यों में बरती जा रही लापरवाही से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएम जेबी सिंह को सस्पेंड कर दिया। पिछले महीने 18 मई को मुख्यमंत्री योगी अपने गोण्डा दौरे पर जिला स्तरीय अधिकारियों को काम मे सुधार और पारदर्शिता दिखाए जाने का अल्टीमेटम दिया था, जिस पर कोई फर्क न पड़ता देख आज सीएम योगी ने जिलाधिकारी जेबी सिंह पर कार्यवाही करते हुए सस्पेंड कर दिया। जिले में चल रहे अवैध खनन की रोकथाम में ढिलाई व अनियमितता बरतने व खाद्यान्न से जुड़े भ्रष्टाचार में लगाम न लगा पाने के कारण डीएम को सस्पेंड किया गया।
ये है गोंडा डीएम जेबी सिंह के सस्पेंड होने की वजह
यही नही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद गोंडा में सरकारी खाद्यान्न वितरण में अनियमितताएं पाये जाने जिलाधिकारी गोंडा जे0बी0 सिंह के अलावा प्रभारी जिलापूर्ति अधिकारी राजीव कुमार तथा जिला खाद्य विपणन अधिकारी अजय विक्रम सिंह को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने और सम्पूर्ण मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अमूमन कनिष्ठ अधिकारियों को दण्डित कर दिया जाता है, लेकिन वरिष्ठ स्तर पर जवाबदेही तय नहीं की जाती है। यदि वरिष्ठ स्तर पर प्रभावी अनुश्रवण व कार्रवाई की जाती तो कदाचित इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न न होती। प्रकरण में कार्रवाई की प्रभावी मिसाल स्थापित करते हुए वरिष्ठ स्तर पर जिम्मेदारी निर्धारित करने का फैसला लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि इस प्रकरण में 9162 बोरियों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का खाद्यान्न कालाबाजारी के उद्देश्य से गोदाम में संग्रहीत पाया गया, जिसमें जिला प्रशासन तथा आपूर्ति एवं विपणन शाखा के केन्द्र, तहसील, जनपद व मण्डल स्तर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा निर्देशों की अवहेलना तथा पदीय दायित्वों का ठीक से निर्वहन न करने का स्पष्ट प्रमाण परिलक्षित हुआ।
प्रकरण संज्ञान में आने पर स्थानीय व राज्य मुख्यालय स्तर से जांच करायी गयी थी। इस प्रकरण में श्री भारत सिंह केन्द्र विपणन निरीक्षक, झांझरी एवं श्री महेश प्रसाद पूर्ति निरीक्षक तहसील तरबगंज को पूर्व में निलम्बित किया जा चुका था। इसके अलावा, सम्भागीय खाद्य नियंत्रक देवीपाटन श्री राजेश कुमार, श्री के0के0 सिंह, सम्भागीय खाद्य विपणन अधिकारी देवीपाटन तथा श्री सत्येन्द्र कुमार सिंह उपायुक्त खाद्य के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई प्रस्तावित की गयी।
ये है फतेहपुर डीएम कुमार प्रशांत के सस्पेंड होने की वजह
इसके अलावा फतेहपुर डीएम कुमार प्रशांत के खिलाफ भी कई शिकायतें मिल रहीं थी जिसमें कार्यों में ढिलाई के अलावा गेहूँ खरीद मामले में अनियमितता की भी बातें सामने आईं थी जिसके बाद उनपर भी गाज़ गिरी है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 31 मई, 2018 को विशेष सचिव खाद्य, अपर आयुक्त खाद्य द्वारा गेहूं क्रय केन्द्रों पर जांच की गई थी। जांच में पाया गया कि 13 मई के बाद से लेकर अब तक लगभग 18 दिनों में कोई भी खरीद न किये जाने का कोई औचित्य नहीं दर्शाया गया है साथ ही किसानाें काे टोकन वितरण न करने व गेहूं खरीद को प्रभावित करने में खाद्य आयुक्त द्वारा 06 जून, 2018 को प्रकरण में दोषी पाये अधिकारी व कर्मचारी के विरूद्ध कार्य वाही की गई है।
क्रय केन्द्र प्रभारी बिसौली मण्डी नरेन्द्र कुमार को निलम्बित कर फतेहपुर के जिला प्रबन्धक पी0सी0एफ0 मोहम्मद रफीक अंसारी को भी निलम्बित किया। इसी प्रकार फतेहपुर मंण्डी के यू0पी0 एग्राे0 संस्था के क्रय प्रभारी प्रेम नारायण को भी निलम्बित किया गया। जिला प्रबन्धक यू0पी0 एग्रो गुलाब सिंह को निलम्बित करने की संस्तुति की गई है। विपणन शाखा के क्रय केन्द्रों में दोषी पाये गये विपणन निरीक्षक शक्ति जायसवाल को निलम्बित किया गया। जिला खाद्य विपणन अधिकारी श्री घनश्याम के खिलाफ निलम्बन की कार्य वाही की गई है। साथ ही सम्पूर्ण प्रकरण में एफ0आई0आर0 भी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।