केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज नई दिल्ली में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और सफदरजंग अस्पताल, डॉ. आरएमएल अस्पताल तथा एम्स जैसे केंद्र सरकार के अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों/निदेशकों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सबसे पहले केंद्रीय एवं राज्य स्तरों के विभिन्न मंत्रालयों के साथ-साथ विदेश स्थित भारतीय दूतावासों के बीच आपसी सहयोग से उठाए जा रहे विभिन्न कदमों की सराहना की। उन्होंने कोरोना वायरस (कोविड-19) को नियंत्रण में रखने के लिए अत्यंत सक्रियतापूर्वक निगरानी करने, रोगियों के संपर्क में आए लोगों का प्रभावकारी ढंग से पता लगाने और इस दिशा में ठोस तैयारी करने के लिए राज्यों की भी सराहना की।
उन्होंने इसके लिए अस्पतालों में समुचित प्रबंधन जैसे कि ओपीडी ब्लॉकों की व्यवस्था, टेस्टिंग किटों, निजी सुरक्षात्मक उपकरणों (पीपीई) एवं दवाओं की उपलब्धता और पर्याप्त संख्या में आइसोलेशन वार्डों के इंतजाम के संबंध में की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अस्पतालों को सभी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षात्मक सामग्री या उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इस दौरान डॉ. हर्षवर्धन को यह जानकारी दी गई कि पर्याप्त संख्या में निजी सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई), मास्क, सैनिटाइजर, थर्मामीटर, इत्यादि खरीदे जा रहे हैं और मांग के अनुसार निर्दिष्ट स्थानों पर इन्हें मुहैया कराया जा रहा है। इसके साथ ही डॉ. हर्षवर्धन को यह जानकारी भी दी गई कि भविष्य में किसी भी मांग की पूर्ति के लिए इन उपकरणों का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित किया जा रहा है।
डॉ. हर्षवर्धन ने हवाई अड्डों/अन्य महत्वपूर्ण निकासी मार्गों से बाहर आने वाले संक्रमित यात्रियों के लिए इंतजाम किए गए क्वारंटाइन केंद्रों के साथ-साथ वहां तक इन यात्रियों की आवाजाही की व्यवस्था, स्वास्थ्य की जांच इत्यादि के बारे में विस्तृत समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्री ने इस कार्य के लिए तैनात किए जाने वाले दलों को क्वारंटाइन केंद्रों का नियमित निरीक्षण एवं निगरानी करने का निर्देश दिया है, ताकि वहां आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आवश्यक सुविधाओं को बेहतर करने के उद्देश्य से वह प्रतिदिन इन सुविधाओं की समीक्षा करेंगे। डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि वह संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ पूरी स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।
संकट से निपटने का एक उपयुक्त साधन मानी जाने वाली प्रभावकारी संचार व्यवस्था के विशेष महत्व पर प्रकाश डालते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने मल्टी-मीडिया संचार अभियान शुरू करने की सलाह दी जो विभिन्न पहलुओं पर फोकस करेंगे। बीमारी की रोकथाम के उपायों, अफवाहों को निराधार साबित करने, आम जनता को संबंधित दिशा-निर्देशों, एडवाइजरी, टेस्टिंग लैब इत्यादि के बारे में विस्तृत सूचनाएं देना इन पहलुओं में शामिल हैं।