सीतापुर। धान-गेहूं गन्ना जैसी परंपरागत फसलों में दिन प्रतिदिन बढ़ती लागत और घटती आमदनी के मुक़ाबले सहजन की खेती कम लागत में सेहत के साथ-साथ कमाई का अच्छा जरिया बन सकती हैं।
सहजन की बाग एक बार लगाने पर 5 से 8 साल तक फसल मिलती है। सहजन की पत्तियां और फलियों के साथ बीज की भी काफी मांग रहती है।आइए हम आपको सहजन की खासियत के बारे में बताते हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र कटिया 2 की गृह वैज्ञानिका डॉ. रीमा ने फार्म एंड फ़ूड से बात करते हुये बताया कि सहजन की खेती करके अधिक से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। इसे लगाने के लिए अलग से खेती करने की भी जरुरत नहीं होती है। इसे खेत के मेड़ पर आसानी से लगाया जा सकता है। एक साल के अंदर यह फल आना शुरू हो जाते हैं।
डॉ. रीमा का कहना हैं कि
सहजन एक ऐसा पौधा है जिसका हर एक हिस्सा किसानों को लाभ पहुंचाता है। सहजन ऐसी फसल है,जिसकी पत्तियां, फल और बीज तक सब बिक जाते हैं और अच्छी कमाई भी होती हैं। सहजन की बाग में अरबी, हल्दी और अदरक की खेती भी सहफसली के रूप में हो सकती है।
बाज़ार में मोरिंगा पाउडर की बहुत मांग है।
मीडिया रिपोर्ट्स और शोध अध्ययन के मुताबिक सहजन (मोरिंगा) पाउडर बहुत ही गुणकारी होता है।इसको डायबिटीज सहित तमाम प्रकार की गैर-संचारी बीमारियों में सेवन किया जाता है।इस लिये इसके पाउडर को खरीदने के लिये मल्टीनेशनल कंपनी हमेशा तैयार रहती हैं। न्यूट्रास्यूटिकल्स और अन्य औषधीय उत्पाद के रूप में भी मोरिंगा का इस्तेमाल किया जा रहा है।