मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल 2020 के प्रथम सत्र को घोषित कार्यक्रम से पहले स्थगित करने पर विपक्षी दलों कड़ीं प्रतिक्रिया दी है। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि इस बार हम लोग वेल में भी नहीं आये। हर बार सरकार विपक्ष पर व्यधान उतपन्न करने का आरोप लगा के घोषित समय से पहले स्थगित कर देती है। इस बार उसके पास कोई बहाना नहीं है।इस सरकार का तीन वर्ष का कार्यकाल पूरी तरह असफल रहा। सरकार के पास कुछ बताने के लिये है ही नहीं।इनके राज में बेरोजगारी बढ़ी है, किसान त्रस्त है, प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है, राज्य में जंगलराज कायम हो गया है। महिलाएं सुरक्षित नहीं है, प्रदेश अपराध में नंबर एक हो गया है। विपक्ष के सवालों से मुंह छिपाने के लिए घोषित समय सर पहले सत्र समेत लिया। विधानमंडल में बहुजन समाज पार्टी के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि सत्र समय से पहले समाप्त करके सरकार जनसमस्याओं से मुंह नहीं मोड़ सकती।
प्रदेश जल रहा है, पूरे तंत्र पर भ्रस्टाचारियों का कब्जा हो गया है। यह सरकार इ टेंडरिंग का नाटक करके भ्रस्टाचारियों से गठजोड़ कर ठेकेदारों को मानक के विपरीत ठेके बेंच रही है। जब सदन में जवाब देने का टाइम आया तो सत्र समाप्त कर दिए। कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले ही सेशन खत्म करना सरकार जनहित के मुद्दों से भाग रही है। सदन अब 28 फरवरी को ही खत्म हो जाएगा,पहले सात मार्च तक था। यह कार्य मंत्रणा में चर्चा हुई थी। लेकिन सरकार विपक्ष के सवाल से बचना चाह रही है।