नई दिल्ली, गैर लाभकारी संस्था सेसमी वर्कशॉप इंडिया ने “मेरा प्लेनेट, मेरा घर” अभियान के तहत महाराजा अग्रसेन पंचायत घर, नरेला में पर्यावरण पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देते हुए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और वायु गुणवत्ता के संबंध में बच्चों को जागरूक व प्रोत्साहित करना था। बच्चों को ‘मेरा प्लेनेट, मेरा घर’ अभियान से जोड़कर ‘कचरा करो जीरो, बनो प्लैनेट के हीरो’ संदेश को हर घर तक ले जाने का भी उद्देश्य है। इस कार्यक्रम में दिल्ली नगर निगम, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), क्लीन एयर फंड, और सेसमी वर्कशॉप इंडिया के पदाधिकारियों सहित स्कूली बच्चे, शिक्षक व शिक्षिकाओं सहित लगभग 250 लोगों ने प्रतिभाग किया।
“मेरा प्लेनेट, मेरा घर” अभियान का उद्देश्य ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर प्राथमिक ध्यान देने के साथ दिल्ली में महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है। सेसमी वर्कशॉप इंडिया ने दिल्ली में बच्चों को इस पहल के माध्यम से अपनी पर्यावरण संबंधी चिंताओं को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया है। इस अभियान के तहत बच्चों को एनवायरनमेंट एंबेसडर के रूप में आगे बढ़ा कर, उन्हें इस तरह तैयार करना है कि वह अन्य लोगों को अपशिष्ट प्रबंधन अपनाने के लिए शिक्षित और प्रोत्साहित कर सकें। अभियान का उद्देश्य पर्यावरण पर बच्चों की प्रस्तुतियों और प्रदर्शनों के माध्यम से समाज को प्रेरित करना और उसे इस मुहिम में शामिल करना भी है।
कार्यक्रम में सूचनात्मक सत्र, स्कूली बच्चों द्वारा पर्यावरण पर प्रोजेक्ट का प्रदर्शन और विशिष्ट अतिथियों द्वारा भाषण शामिल थे। कार्यक्रम के उल्लेखनीय आकर्षण में स्कूली बच्चों द्वारा प्रदर्शित वायु गुणवत्ता और अपशिष्ट प्रबंधन पर एक स्किट, एमपीएमजी ऑन-ग्राउंड पार्टनर्स – चाइल्ड सर्वाइवल इंडिया, चिंतन और ग्रीनटेक द्वारा अनुभव साझा करना शामिल रहा।
कार्यक्रम में एन.के.जोशी, एनवायरमेंट इंजीनियर, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने कहा, ” कि पर्यावरण को छोटे-छोटे प्रयासों से बचाया जा सकता है, इसकी शुरुआत बच्चे अपने घर से कर सकते है, जैसे अनावश्यक बिजली खर्च न करना, नल से बहते हुए पानी को बंद करके और अपने आस-पास पौधे लगाकर। ‘मेरा प्लेनेट, मेरा घर’ जैसे अभियान भारत सरकार के मिशन लाइफ कार्यक्रम को और ताकत देते हैं। मिशन लाइफ सतत जीवन (सस्टेनेबल लाइफ) को बढ़ावा देने और जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन है।“
क्लीन एयर फंड की कंट्री लीड (इंडिया) मुग्धा जैन ने कहा, “वायु गुणवत्ता एक गंभीर मुद्दा है जिसके लिए विभिन्न संगठनों के सहयोग की आवश्यकता है। हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि सेसमी वर्कशॉप इंडिया जैसी संस्था समाज के सभी अंगों को जोड़ने और जागरूकता द्वारा व्यवहार परिवर्तन को प्रेरित करने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। हम आशा करते हैं कि यह कार्यक्रम अधिक लोगों को एक साथ आने और एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।”
सेसमी वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट की मैनेजिंग डायरेक्टर सोनाली खान ने कहा, “मेरा प्लैनेट, मेरा घर” पहल के माध्यम से, हमारा उद्देश्य बच्चों को स्वच्छ पर्यावरण के पक्षधर बनने के लिए उन्हें जागरूक कर सशक्त बनाना है। सेसमी वर्कशॉप इंडिया के दिलचस्प और मनोरंजक पात्रों के माध्यम से हम बच्चों को उनके अनुकूल और मनोरंजक तरीके से इस मुहिम से जोड़ सकते हैं। पर्यावरण के बारे में उनकी जागरूकता और समझ को बढ़ावा दे सकते हैं। क्लीन एयर फंड के साथ हमारे सहयोग और दिल्ली में किए गए सर्वेक्षण से प्राप्त जानकारी ने बच्चों के सामने आने वाली विशिष्ट पर्यावरणीय चिंताओं को दूर करने के लिए हमें कंटेंट विकसित करने में मदद की है।“
सेसमी वर्कशॉप इंडिया ने नरेला के 4000 बच्चों को इस अभियान में शामिल करने के लिए डीपीसीसी, 19 एमसीडी स्कूलों, 14 निजी स्कूलों व दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के स्कूल के साथ साझेदारी की है। उन्होंने बच्चों और उनके अभिभावकों, दोनों को लक्षित करते हुए, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से भी लोगों को जोड़ने के लिए विभिन्न तरीकों का प्रयोग किया है। सोशल मीडिया में फेसबुक पर, 1.83 मिलियन लोगों तक पहुंच हुई और 2.39 मिलियन लोग इससे जुड़े। इंस्टाग्राम पर पहुंच 720,000 के इंगेजमेंट के साथ 1.5 मिलियन थी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने विशेष रूप से दिल्ली में बच्चों के लिए यूट्यूब पर एक विशेष प्लेलिस्ट बनाई, जिसने 245,000 वीडियो हैं और 7.6 हजार घंटे का वॉच टाइम है।
इस अभियान में वीडियो, इन्फोग्राफिक्स और लेखों सहित विभिन्न प्रकार की कंटेंट का प्रदर्शन किया जा रहा है। इस कंटेंट ने अपशिष्ट प्रबंधन और वायु गुणवत्ता के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया है। अभियान में अपशिष्ट प्रबंधन और वायु गुणवत्ता के साथ अपने अनुभवों के बारे में बच्चों की कहानियां व अनुभव भी शामिल हैं।