ज़ेबा ख़ान/रोज़ी-रोटी कमाने लिए हर साल हज़ारों लोग विदेश में नौकरी करने जाते हैं। ज्यादतर लोग सऊदी अरब रोजगार की तलाश में जाते है और उन लोगों को रोज़गार को साथ अच्छी सैलरी भी मिल जाती है। लेकिन वहां अपने परिवार को साथ रखने के लिए सऊदी सरकार को टैक्स देना पड़ता है।सऊदी अरब में नौकरी करने जगह-जगह से लोग आते हैं लेकिन सबसे ज्यादा लोग केरल और तेलंगाना से आते हैं। बीते साल ही सऊदी में फैमिली टैक्स लागू किया गया था जिसके बाद कई भारतीयों ने अपने परिवार वापस भेज दिया था।
सऊदी में फैमिली वीजा की फीस 2000 रियाल यानी 36 हजार रुपये कर दिया गया है। वहां पहले एक आदमी का रीएंट्री वीजा की फीस 1 साल के लिए 3600 रुपये थी। अब इसे 2 महीने में बनवाना होगा। और इसे बढ़ाने के लिए 1800 रुपये हर महीने देने होंगे। इसके साथ ही अब वहां बिजली के दामों में भी तीन गुना इजाफा हुआ है। सऊदी में एक महीने का औसत बिजली बिल 200 रियाल आता था लेकिन इसको बढ़कर 600 रियाल कर दिया है। 600 रियाल यानी इंडियन कारेंसी के मुताबिक 11 हजार रूपये होता है। टैक्स को साल 2020 तक हर साल 100 रियाल का इज़ाफा किया जाएगा।
वहां काम करने वाले व्यक्ति को अपने परिवार को साथ रखने के लिए प्रति एक व्यक्ति के लिए हर महीने 400 रियाल रुपये देने होंगे।अगर किसी के परिवार में उसकी पत्नी और दो बच्चें रहते हैं तो उसे हर साल 1200 रियाल यानि 21,855 रुपये एडवांस में ही देने होंगे। सऊदी अरब में सिर्फ उन लोगों को फैमिली वीज़ा दिया जाता है जो कि 5000 रियाल (86000 रुपये) पर महीना कमा रहे हो।
सरकार के इस फैसले से सऊदी में काम करने वाले लोगों ने अपने परिवारवालों के साथ उनके रिश्तेदारों को भी वापस भेजना शुरू कर दिया है। फैमली टैक्स दो गुना होने से काम करने वालोें पर बोझ बड़ गया है जिसके चलते वो लोग अपने परिवार को वापस भेज रहे हैं। आपको बता दें ये फैमलि टैक्स सिर्फ उन लोगों को देना होता है जो अलग-अलग देशों से आकर सऊदी में रहते हैं।