उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में किसानों के 500 बीघे की जमीन पर लहलहाती फसल को प्रशासन ने जेसीबी चलाकर नष्ट कर दिया गया… उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारोपोरेशन ने दर्जनों जेसीबी, सैकड़ों टैक्टर लगाकर किसानों के खेत को नदी में तब्दील कर दिया। किसानों का आरोप है कि प्रशासन ने बिना पूर्व सूचना के ही किसानों की फसल को नष्ट कर दिया। किसान न्याय के लिए अधिकारियों, नेताओं के चक्कर लगा रहे है और न्याय की गुहार कर रहे है। लेकिन इन किसानों का कोई सुध लेने वाला नहीं
जहां एक तरफ देश के अन्नदाता किसान कृषि कानून वापसी की मांग को लेकर दिल्ली के वार्डर पर जगह-जगह धरना प्रदर्शन कर रहे हैं…किसानों को डर सता रहा है की इस कृषि कानून से किसानों का हक अधिकार सब खत्म हो जाएगा…वही इस डर को सरकारी नुमाइंदे सच साबित करने में लगे है.. यहां किसानों के लगभग 500 बीघे जमीन को छीनने का प्रयास किया जा रहा है… उतर प्रदेश प्रोजेक्ट कारोपोरेशन व जिले आला असफ़सरो ने जिले के नौबस्ता,रजवापुर,मुड़िया सहित दर्जनों गांव के किसानों की लहलहाती गेंहू व सरसों की फसल को जेसीबी से रौंद दिया।
इन क्षेत्रों में राप्ती नदी को सीधा करने का कार्य उतर प्रदेश प्रोजेक्ट कारोपोरेशन व बाढ़ खंड अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। किसानों का कहना है कि अधिकारियों व कॉरपोरेशन द्वारा बिना मुआयना किए ही चुपके से लाल पताका और डंडी दी। व बिना पूर्व सूचना दिए गेहूं, गन्ना, मसूर व सरसों की फसल को नष्ट कर खनन कराया जा रहा है…। ग्रामीणों के विरोध करने पर 3-4 दिनों तक काम रोक दिया गया था लेकिन 4 दिनों बाद बाढ़ खंड अधिकारियों ने खनन दोबारा शुरू करवा दिया…उनका कहना है उन्हें खनन का आदेश लखनऊ से प्राप्त हुआ है।
विरोध कर रहे किसानों ने बताया कि उन्होंने बैंक से कर्ज लेकर फसलों की बुवाई की थी…अब वह कर्ज कैसे चुकाएंगे जब उनकी फसल ही नहीं बची। यही नहीं, अभी तक किसी भी प्रसाशनिक अधिकारी ने फसल मुआवजे की बात भी नहीं क़ी है। मामले को लेकर जब बलरामपुर डीएम से पुछा गया तो उन्होंने रटारटाया ज़बाब दिया और कहा कि एसडीएम को भेजकर जांच कराकर विधिक कार्रवाई की जायेगी