तृप्ति रावत/ तीन तलाक मामले को लेकर बरेली के आला हजरत की बहू निदा खान के खिलाफ फतवा जारी किया गया है। जिसके तहत निदा खान का हुक्का पानी बंद कर दिया गया है। निदा खान पर इस्लामिक कानून का विरोध करने का आरोप है। जिसके चलते उनके मुस्लिम समुदाय से निकाल दिया गया है।
यह फतवा दरगाह आला हजरत के दारूल इफ्ता ने जारी किया है। इसमें कहा गया है कि निदा अल्लाह या खुदा के बनाए कानून का विरोध कर रही हैं। इस कारण उनके खिलाफ फतवा जारी किया जा रहा है।
सोमवार को जारी फतवे में कहा गया है कि निदा की मदद करने वाले, उनसे मिलने-जुलने वाले मुसलमानों को भी इस्लाम से खारिज किया जाएगा। निदा अगर बीमार हो जाती हैं तो उनको दवा भी नहीं दी जाएगी। निदा की मौत पर जनाजे की नमाज पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई है। इतना ही नहीं निदा के मरने पर उन्हें कब्रिस्तान में दफनाने पर भी रोक लगा दी गई है।
वहीं इस मामले में निदा खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार करते हुए कहा कि फतवा जारी करने वाले पाकिस्तान चले जाएं. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान एक लोकतांत्रिक देश है। यहां दो कानून नहीं चलेंगे। उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ राजनीति चमका रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि इस्लाम से खारिज करने वाले ये होते कौन हैं। शरीयत पहले वो अपने घर पर जाकर लागू करें फिर आवाम पर लागू करें।
मालूम हो कि निदा की शादी आला हजरत खानदान के उस्मान रजा खां उर्फ अंजुम मियां के बेटे शीरान रजा खां से 16 जुलाई 2015 को हुई थी। बाद में पांच फरवरी 2016 को उनका तलाक हो गया। उसके बाद निदा ने अदालत का सहारा लिया और वह अन्य तलाकशुदा महिलाओं के लिए भी आंदोलन कर रही हैं। उन्होंने तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह जैसी प्रथाओं के खिलाफ भी अभियान छेड़ रखा है।