फिल्म निर्माता अली अकबर इस्लाम छोड़कर अपनाएंगे हिंदू धर्म, बिपिन रावत की मौत पर हंसने वालों से दुखी होकर लिया ये फैसला

केरल के फिल्ममेकर अली अकबर ने एक बड़ा फैसला लिया हैं. अली ने धर्म चेंज करने का फैसला किया हैं. अली और उनकी पत्नी लुसिम्मा अब मुसलमान नहीं रहेंगे और अब हिंदू धर्म अपनाएंगे. उन्होंने फेसबुक लाइव के जरिए धर्म छोड़ने की घोषणा की है.

अली अकबर ने धर्म चेंज करने का फैसला हाल ही में हुए एक घटना के बाद लिया. अब अली ने अपना नया नाम  कर लिया है. दरअसल, कुछ दिन पहले ही हेलिक्रॉप्टर क्रैश की घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना से देश के सारे लोग काफी दुखी थे. इससे संबंधित पोस्ट पर कई मुसलमानों ने स्माइली से प्रतिक्रिया दिया था.

उस पोस्ट पर मुसलमानों द्वारा ऐसा रिएक्शन देखकर अली अकबर को पसन्द नहीं आया और उन्होंने धर्म चेंज करने का फैसला कर लिया. उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो कर कहा कि- मुझे जन्म के समय से जो चोला मिला था, उसे अब मैं उतारकर फेंक रहा हूं. आज से मैं मुस्लिम नहीं हूं. मैं एक इंडियन हूं. मेरा ये संदेश उन लोगों के लिए है, जिन्होंने भारत के खिलाफ हंसते हुए स्माइली पोस्ट की है.

अली अकबर ने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें वो बिपिन रावत की मौत का मजाक उड़ाने वाले इस्लामवादियों की आलोचना करते हुए दिखे थे. वीडियो को प्लेटफॉर्म पर अभद्र टिप्पणी मिलने के बाद अकबर का अकाउंट एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया था. निर्देशक ने नया अकाउंट बनाया और इस्लाम धर्म छोड़ने का फैसला किया.

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पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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