तृप्ति रावत/ बुधवार को जम्मू कश्मीर के बेस कैंप से अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था शुरू हो चुका है। जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम, जम्मू-कश्मीर गवर्नर के सलाहकार बीबी व्यास और विजय कुमार ने झंडा दिखाकर यात्रियों को रवाना किया।
इस जत्थे में कुल 1904 श्रद्धालु हैं, जिनमें 1554 पुरुष, 320 महिलाएं और 20 बच्चे शामिल हैं। आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए सुरक्षा के इंतजाम काफी कड़े किए हुए हैं। ये यात्री दिन में कश्मीर के गांदेरबाल में बालटाल और अनंतनाग में नुनवान, पहलगाम आधार शिविर पहुंचेंगे। जिसके बाद ये तीर्थयात्री अगले दिन पैदल ही 3880 मीटर की ऊंचाई पर गुफा मंदिर के लिए रवाना होंगे। इससे तीर्थयात्रा की शुरूआत हो जाएगी। हालांकि ये यात्रा 26 अगस्त को समाप्त हो जाएगा उस दिन रक्षा बंधन भी है।
बता दें कि पिछले साल अमरनाथ यात्रा के दौरान हमला हुआ था, जिसके कारण इस बार सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस नए सुरक्षा नियमों के मुताबिक जो भी यात्री अमरनाथ यात्रा दर्शन के लिए आ रहे हैं उनको अपनी गाड़ियों पर खास तरीके के आरएफआईडी टैग लगाने होते हैं। जिससे ये पता चल जाता है कि काफिले में कितनी गाड़ियां हैं और कोई गाड़ी यात्रा से अलग रास्ते पर तो नहीं निकल गई है। यही नही सिक्योरिटी फोर्सज के कैंप के अंदर कंट्रोल रूम बनाए गये हैं जिसके जरिये काफिले पर नज़र रखी जाती है।
वहीं दूसरे तरफ आतंकी संगठन हिज्बुल ने इस बार श्रद्धालुओं को टारगेट नही करने की बात कही है। दरअसल हिजबुल के ऑपरेशनल कमांडर रियाज़ नाइकू का एक ऑडियो सामने आया है जिसमें वो कह रहा है, ”अमरनाथ यात्रा हमारा निशाना नहीं है, वे यहां धार्मिक अनुष्ठान के लिए आते हैं।
हालांकि इस साल की अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित करवाने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों के साथ-साथ एनएसजी कमांडो ने भी मोर्चा सम्भाला हुआ है। इन्ही सबके बीच जम्मू-कश्मीर राज्यपाल के सलाहकार विजय कुमार ने कहा कि अमरनाथ यात्रा हम सबके लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है। जनता के सहयोग से सभी सुरक्षा एजेंसियों और विकास एजेंसियों के साथ हमने एक सुरक्षा को लेकर योजना बनाई है।