सुधांशु पुरी/अभिषेक श्रीवास्तव
सीतापुर। स्वास्थ विभाग सीतापुर। जहां सरकार के सारे आदेश फीके साबित हो जाते है। जहां नियम और मानक कागजों में ही दफन हो जाते है। यहां पोस्टिंग किस लेवल के डॉक्टर को कहां देनी है उसके लिए नियम और मानक नही बल्कि ऊंची पहुंच चाहिए। मामला है सीतापुर के सिधौली अस्पताल का।
राजधानी लखनऊ से महज 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सीतापुर जिला जहां स्वास्थ विभाग में सारे नियम कानून दरकिनार कर दिए जाते हैं और जिले के मुख्य अस्पतालों में जिसकी जितनी लंबी पहुंच होती है उसको तैनाती मिल जाती है यह हम नहीं कह रहे या चर्चा है स्वास्थ्य विभाग सीतापुर में ! जनपद सीतापुर की फर्स्ट रेफरल यूनिट एफआरयू सिधौली में तैनात अधीक्षक लेवल 2 के डॉक्टर है फिर भी इन्हें सिधौली जैसी एफआरयू सीएचसी का चार्ज दे दिया गया।जबकि एफआरयू सीएचसी में लेवल 3 या लेवल 4 के डॉक्टर की तैनाती की जानी चाहिए थी। ऐसा नही है कि जनपद सीतापुर में लेवल 3 या लेवल 4 के डॉक्टरों की कोई कमी है लेकिन जिसकी जितनी लंबी पहुंच उसे उतनी बड़ी जिम्मेदारी । हांलांकि यदि बात करे सीएचसी सिधौली की तो वर्तमान अधीक्षक के पूर्व जिन अधीक्षकों की तैनाती यहां की गई वे आज एडिशनल सीएमओ है या स्वास्थ भवन में जॉइन्ट डायरेक्टर। लेकिन सभी नियमों और मानकों को दरकिनार कर सिधौली में इस बार लंबी पहुंच के कारण वर्तमान अधीक्षक को तैनाती दे दी गयी।
जबकि आपको बता दे कि सीतापुर की एफआरयू सिधौली सीएचसी जनपत की सभी सीएचसी में मुख्य मानी जाती है उसका कारण यह है कि इस सीएचसी को एफआरयू यूनिट का दर्जा प्राप्त है और साथ ही यह सीएचसी राजधानी लखनऊ के हाईवे के नजदीक है और यहां प्रत्येक मर्ज के डॉक्टर और तमाम सुविधाएं उपलब्ध है।