ज़ेबा ख़ान/क्या आप लोगों ने सुना है कि कभी किसी मुस्लिम की शादी में निकाह की शुरूआत भगवान की की मूर्ति पूजा से हुई हो। जी हां आज में आपको एक ऐसी ही अनोखी शादी के बारे में बताने जा रही हूं। दरअसल ये मामला गुजरात के बेरवाल का है। यहां पर एक मुस्लिम की शादी की शुरूआत गणेश पूजा से हुई। आपको बता दे ये शादी शबनम नाम की एक लड़की की थी इसको एक हिंदू परिवार ने पाला और उसके बाद उसका निकाह अब्बास नाम के लड़के से करवाया गया जिसमें निकाह से पहले गणेश वंदना की गई। हालांकि गुजरात में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल का यह पहला मामला नहीं है।
इसके साथ-साथ हम आपको ये भी बता दें गुजरात में एक ऐसा इलाका भी है, जहां निकाह में कई हिंदू रीति रिवाजों को फॉलो किया जाता है। इसमें गणेश पूजा, गाय पूजा और फुलेकू भी। आपको बताा दें फुलेकू में दूल्हा दुल्हन को शादी के बाद पूरे गांव में घुमाया जाता है।
गुजरात में मल्धारी नाम का एक मुस्लिम समुदाय जो गुजरात के कच्छ का रण के बन्नी इलाके में रहते हैं। वहां पर रहने वाले लोग इस तरह के हिंदु रीति -रिवीज़ का पालन ज्यादा करते है।
बन्नी या पिरांजा पट नाम से जाने जाने वाले इस इलाके में शादी समारोह में गणेश पूजा के अलावा हल्दी और मंडप जैसी हिंदू रीति रिवाज भी होते हैं।
आपको बता दें कि टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात के वेरावल में शबनम की शादी में भी निकाह से पहले गणेश पूजा की रस्म हुई। शबनम को उसके पिता ने हिंदू परिवार को सौंप दिया था। 20 साल के होने पर मेरामन जोरा के हिंदू परिवार ने उसकी शादी करवाई। जोरा के मुताबिक शबनम नियमित तौर पर नमाज पढ़ती है और साथ ही हिंदू त्योहारों को भी उसी शिद्दत और उत्साह से मनाती हैं। जोरा के बेटे गोपाल ने बताया कि उन्होंने हमेशा से शबनम को अपने परिवार का हिस्सा माना और उसे हर तरह की आज़ादी दी। शबनम के ससुरालवाले भी निकाह के दौरान हिंदू रीति रिवाज़ों के लिए मान गए थे।