संतोष नेगी/चमोली/ राष्ट्रीय बालिका दिवस पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के तत्वाधान में बेटी बचाओं बेटी पढाओं सामाजिक चेतना अभियान के तहत राइका गोपेश्वर में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान बेटा बेटी के भेदभाव को मिटाकर कन्याभू्रण हत्या रोकने, बेटियों के संरक्षण, सर्वधन करते हुए बाल लिंगानुपात को संतुलित करने के प्रति लोगों को जागरूक किया गया तथा बेटियों के संरक्षण हेतु संकल्प लिया गया। छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक की प्रस्तुति से जहाॅ कार्यक्रम में चार चांद लगाए वही कर्णभूमि कला मंच एवं आंगनबाडी कार्यकत्रियों ने नुक्कड नाटकों के माध्यम से बेटी बचाओं बेटी पढाओं का संदेश दिया। जनपद के विकासखण्डों में भी छात्राओं ने मेंहदी, चित्रकला, कविता, गायन, भाषण आदि प्रतियोगिता में बढ चढकर प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के दौरान विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया।
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जीआईसी गोपेश्वर में मुख्य अतिथि प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि ने सभी को राष्ट्रीय बालिका दिवस की हार्दिक बधाई देते हुए लोगों से कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, देहज हत्या को रोकने, बेटियों को बेटों के बराबर हक देने तथा बेटियों को पढाने व आगे बढाने की अपील की। उन्होंने सभी नागरिकों से बेटियों के संरक्षण के लिए संकल्प लेने की बात कही। कहा कि बेटियों को संरक्षण से ही लिंगानुपात को संतुलित किया जा सकता है। उन्होंने सभी को बेटा बेटी के भेदभाव की मानसिकता को त्यागकर दोनों को शिक्षा के समान अवसर देने की बात कही। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने बेटियों की बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार के माध्यम से संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी।
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर धर्मगुरूओं ने भी अपने विचार रखे। हिन्दू धर्मगुरू देवी प्रसाद, मुसलिम धर्मगुरू खालीद भाई, ईसाई धर्मगुरू फादर जोसेफ ने समाज में बालिकाओं के महत्व के बारे में अहम जानकारियों दी। कहा कि समुदाय की उन्नति के लिए दोनों को बराबरी का दर्जा दिया जाना जरूरी है। बेटे को पढाने से जहाॅ एक व्यक्ति शिक्षित होता है वही बेटियों को पढाने से पूरा समाज शिक्षित होता है। इस दौरान एसडीएम बुशरा अंसारी, दशोली ब्लाक प्रमुख विनीता देवी, नगर पंचायत अध्यक्ष हिमानी वैष्णव, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष प्रभा रावत आदि ने भी बेटियों के सरंक्षण पर जोर देते हुए अपने विचार व्यक्त किए।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की पहल पर जनपद के 15 अतिकुपोषित बच्चों को जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस पर गोद भी लिया गया। जिलाधिकारी ने स्वयं दशोली ब्लाक के आंगनबाडी केन्द्र देवरखडोरा के अति कुपोषित बालक अमित तथा मुख्य विकास अधिकारी ने बछेर की अति कुपोषित बालिका स्नेहा को गोद लिया। वही एसडीएम गैरसैंण ने गैरसैंण ब्लाक में आंगनबाडी केन्द्र चैतरिया की अति कुपोषित बच्ची संतोषी, जिला पूर्ति अधिकारी ने आंगनबाडी केन्द्र पज्यांण के बालक दिब्य, अर्थ एवं संख्याधिकारी ने डागीधार के बालक अराध्य, मुख्य कोषाधिकारी ने प्यूरा के बालिका सृष्टि को गोद लिया। एसडीएम घाट ने आंगनबाडी केन्द्र पिघटिया के अतिकुपोषित बालक शिवम तथा जिला शिक्षा अधिकारी ने कुमारतोली के अतिकुपोषित बालिका रूहानी को गोद लिया। एसडीएम थराली ने देवाल ब्लाक के आंगनबाडी केन्द्र बहतरा के अतिकुपोषित बालिका पायल, जिला क्रीडा अधिकारी ने बालिका करीना तथा जिला पंचायत राज अधिकारी ने घेस आंगनबाडी केन्द्र की रबिना को गोद लिया। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कर्णप्रयाग ब्लाक के आंगनबाडी केन्द्र नौटी की अतिकुपोषित बालिका अनु तथा जीएम डीआईसी ने धानेई के बालक फैजल को गोद लिया। दशोली बाल विकास परियोजना अधिकारी ने पोखरी ब्लाक की आंगनबाडी केन्द्र सलना के अति कुपोषित बालक अमित को गोद लिया।
राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर 10 ऐसे परिवारों को भी सम्मानित किया गया जिनके घर में एक या एक से अधिक बालिकाएं है। वही इस अवसर पर राष्ट्रीय ताइक्वांडों प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर जिले का नाम रोशन करने वाली बालिका सानिया गौड, हुजैफा नाज, मोहनल तथा अस्था नेगी को भी सम्मानित किया गया। इसके अलावा मेंहदी, चित्रकला, भाषण प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति देने पर प्रतिभागियों भी पुरस्कृत किया गया। राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर आयोजित कार्यक्रम में जिला स्तरीय अधिकारी, गणमान्य नागरिक तथा भारी संख्या स्थानीय स्कूलों के छात्र-छात्राएं मौजूद थी।