तृप्ति रावत/ निजी वाहन से सड़क यात्रा करने वालों के लिए मोदी सरकार तोहफा लेकर आई है। अब ट्रैफिक पुलिस को ड्राइविंग लाइसेंस या दूसरे दस्तावेजों की ऑरिजिनल कॉपी दिखाने की जरुरत नही है। दरअसल केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया है कि अब आपके मोबाइल में मौजूद दस्तावेजों की ई-कॉपी ही काफी है। केंद्र ने राज्य के परिवहन विभागो और ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दे दिया है कि वे वेरिफिकेशन के लिए दस्तावेजो की ऑरिजनल कॉपी न ले।
लेकिन आपको इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से शुरु किए गए डिजिलॉकर या फिर परिवहन मंत्रालय के एमपरिवहन प्लेटफॉर्म पर अपनी डिटेल्स डालनी होंगी। सरकार ने इसके लिए एक वेबसाइट digilocker.gov.in बनाई है। यहां से आप डिजिलॉकर एप को डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद आप अपना डिजिलॉकर अकाउंट खोल सकते हैं। इसके लिए आपको मोबाइल नंबर डालना पड़ता है। फिर वन टाइम पासवर्ड (OTP) आपके मोबाइल नंबर पर आएगा जिसे इस्तेमाल कर मोबाइल नंबर को ऑथेंटिकेट कर सकते हैं।
MoRTH issues an advisory to the transport authorities of the states to accept DL, RC or other documents in electronic form presented through ‘DigiLocker’ or ‘mParivahan’ platform.@nitin_gadkari @mansukhmandviya @narendramodi @PIB_India @PMOIndia @transform_ind
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) 9 August 2018
फिर यूजरनेम और पासवर्ड सेलेक्ट करना होगा। डिजिलॉकर अकाउंट बनने के बाद आप अपने डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकते हैं। डिजिलॉकर की अन्य सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आप अपना आधार नंबर भी दे सकते हैं।
कई बार स्पीडिंग, ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने और ड्राइविंग के दौरान फोन के इस्तेमाल करने की वजह से पुलिस डॉक्युमेंट ले लेती है और बाद में ये गायब हो जाते हैं। कई बार लोगों ने खो चुके दस्तावेजों को दोबारा पाने के लिए शिकायत दर्ज कराई लेकिन परिवहन विभाग इसे खोजने में विफल रहा। केंद्रीय मंत्रालय की अडवाइजरी के मुताबिक ई-चालान सिस्टम से वाहन या सारथी डेटाबेस से पुलिस सारी जानकारी ले सकती है। दस्तावेजों की हार्ड कॉपी जमा करने की कोई जरूरत नहीं है।
मंत्रालय का कहना है कि आईटी ऐक्ट 2000 के मुताबिक डिजिलॉकर या एमपरिवहन पर मौजूद दस्तावेज के इलेक्ट्रॉनिक रेकॉर्ड भी मान्य हैं। कहा गया है कि मोटर वीइकल ऐक्ट 1988 में भी इलेक्ट्रॉनिक रूप में दस्तावेजों को मान्यता दी गई है। वर्तमान में डिजिलॉकर ऐप सभी फोनों के लिए उपलब्ध है लेकिन एमपरिवहन अभी केवल ऐंड्रॉयड फोन में ही है। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि 7 से 10 दिन के भीतर यह ऐपल के iOS प्लैटफॉर्म पर भी उपलब्ध हो जाएगा। अडवाइजरी में कहा गया है कि बहुत सारे लोगों ने RTI के माध्यम से भी सवाल किया है कि सरकार द्वारा चलाए गए डिजिटल फॉर्मेट को मान्य क्यों नहीं किया जा रहा है।