तृप्ति रावत/ भारत की पहली गायिका गौहर जान के 145वें जन्मदिन पर आज गूगल ने डूडल बनाकर याद किया है। जिन्होंने भारत के इतिहास में पहली बार गाए गानों कि रिकॉर्डिंग कराई थी, इसीलिए उन्हें भारत की पहली रिकॉर्डिंग सुपरस्टार के नाम से जाना जाता ह।
गौहर जान का जन्म 26 जून 1893 को हुआ था इनका असली नाम एंजलिना योवर्ड था। उनके पिता अर्मेनियन थे और उनकी मां विक्टोरिया हेमिंग्स जन्म से भारतीय थीं। अपने माता-पिता के तलाक के बाद, विक्टोरिया एक मुस्लिम राजकुमार के साथ बनारस चली गईं और आठ साल की एंजेलीना अपनी मां के साथ रहने लगी थी।
बनारस में मां और बेटी दोनों ने इस्लाम कूबूल कर लिया। उसके बाद विक्टोरिया ने अपना नाम माल्का जान रखा और एंजेलीना का नाम बदलकर गौहर जान रख लिया। माल्का बनारस में एक प्रसिद्ध गायक और कथक नर्तक बन गईं। उसके बाद दोनों कलकत्ता चले गए जहां गौहर ने हिंदुस्तानी क्लासिकल म्यूजिक सीखना शुरू किया। 1887 से अपनी यात्रा शुरू करने के बाद 19वीं सदी तक वो प्रसिद्ध हो गईं।
भारतीय शास्त्रीय संगीत को शिखर पर पहुंचाने वाली गौहर असल जिंदगी में शोषण का शिकार रही थीं। गौहर का 13 साल की उम्र में ही बलात्कार हुआ था। इस सदमे से उबरते हुए गौहर संगीत की दुनिया में अपना सिक्का जमाने में कामयाब हुईं।
गौहर की कहानी 1900 के शुरुआती दशक में महिलाओं के शोषण, धोखाधड़ी और संघर्ष की कहानी है। गौहर की कहानी को विक्रम संपथ ने सालों की रिसर्च के बाद किताब में ‘माई नेम इज गौहर जान’ के जरिए सबके सामने रखा था।
बता दें कि गौहर जान ने 20 भाषाओं में ठुमरी से लेकर भजन तक गाए हैं। उन्होंने करीब 600 गीत रिकॉर्ड किए थे। यही नहीं, गौहर जान दक्षिण एशिया की पहली गायिका थीं जिनके गाने ग्रामाफोन कंपनी ने रिकॉर्ड किए। 1902 से 1920 के बीच ‘द ग्रामोफोन कंपनी ऑफ इंडिया’ ने गौहर के हिन्दुस्तानी, बांग्ला, गुजराती, मराठी, तमिल, अरबी, फारसी, पश्तो, अंग्रेजी और फ्रेंच गीतों के छह सौ डिस्क निकाले थे। उनका दबदबा ऐसा था कि रियासतों और संगीत सभाओं में उन्हें बुलाना प्रतिष्ठा की बात हुआ करता थी।