महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र चौकमाफी, पीपीगंज, गोराखपुर पर “गरीब कल्याण रोजगार अभियान” के अंतर्गत प्रवासी श्रमिकों को जीविकोपार्जन हेतु दक्षता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत व्यवसायिक बकरी पालन विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का सफलतापूर्वक समापन किया गया । इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में पशुपालन वैज्ञानिक डॉ विवेक प्रताप सिंह ने बताया कि किसान किस प्रकार से बकरी पालन अधिक आय प्राप्त कर सकता है इस प्रशिक्षण में बकरियों की पाली जाने वाली नस्लें जो कि अपने वातावरण में पाली जा सकती हैं जैसे बरबरी, जमुनापारी, सिरोही आदि के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी।
बकरी आवास संरचना बकरी पालने की विधियां आहार एवम रोग प्रबंधन आदि के बारे में विस्तृत जानकारी कृषकों को दिया बकरियों के लिए पूरक आहार तैयार करना, हरा चारा प्रबंधन और बकरी पालन में अजोला का हरे चारे के रूप में उपयोग के बारे में जानकारी दी प्रशिक्षण के दौरान डॉ सिंह ने बताया बकरियों का विवरण कब और कैसे किया जाए ताकि बकरी पालकों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके उन्होंने बताया कि बकरियों के विपणन में सोशल मीडिया किस प्रकार से उनके बकरियों का उचित मूल्य दिलाने एवं आसानी से घर बैठे बकरियों का विवरण का कार्य करने में मददगार साबित हो सकता है।
केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ आर पी सिंह द्वारा हरे चारे में लगने वाले रोग एवं उनका बकरियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ सुनील सिंह पशु चिकित्सा अधिकारी पीपीगंज द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को बकरी पालन की अहम जानकारियां दी गई और साथ ही पशु बीमा और पशु क्रेडिट कार्ड के बारे में बताया गया इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में केंद्र के शस्य वैज्ञानिक डॉ अवनीश सिंह, कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ राहुल सिंह एवं उद्यान वैज्ञानिक डॉ अजीत श्रीवास्तव द्वारा बकरी पालन से जुड़ी तकनीकी जानकारियां किसानों को दी गई । प्रक्षेत्र प्रबंधक श्री आशीष कुमार सिंह द्वारा किसानों को प्रक्षेत्र भ्रमण कराया गया एवं विभिन्न प्रकार के अभिलेखों के बारे में प्रशिक्षणार्थियों को समझाया गया। प्रशिक्षण के अंत में प्रशिक्षणार्थियों को व्यवसायिक बकरी पालन प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी दिया गया।