महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र चौक माफी पीपीगंज गोरखपुर द्वारा प्रवासी मजदूरों को “गरीब कल्याण रोजगार अभियान” के अंतर्गत जीविकोपार्जन हेतु व्यवसायिक बकरी पालन पर दक्षता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ आर पी सिंह तथा उप निदेशक कृषि गोरखपुर ने संयुक्त रूप में दीप जलाकर किया । कार्यक्रम में प्रवासी श्रमिकों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉक्टर आरपी सिंह ने कहा कि आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए बकरी पालन एक मुनाफे का व्यवसाय है तथा यह आत्मनिर्भर बनने का एक बहुत ही अच्छा साधन है।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए पशुपालन वैज्ञानिक डॉ विवेक प्रताप सिंह ने व्यवसायिक बकरी पालन हेतु किसानों को जानकारी दी डॉ सिंह ने प्रवासी मजदूरों को बताया कि बकरी पालन एक बहुत ही अच्छा व्यवसाय है कम जगह कम लागत में अधिक फायदा बकरी पालन से प्राप्त किया जा सकता है उन्होंने बकरी पालन में आने वाली चुनौतियों और बकरी पालन हेतु आवश्यक जानकारियों के साथ अपने वातावरण अपने जलवायु के आधार पर बकरी के नस्लों का चुनाव मांस उत्पादन या दूध एवं मांस दोनों के लिए कैसे करें साथ ही बताया कि बकरी पालन में बकरियों से जुड़ी प्रत्येक जानकारी को बकरी पालक अलग-अलग तरह के पसीने से बनाकर रखें जिससे बकरियों के बारे में पूर्ण जानकारी उनको मिलती रहेगी और सभी बकरियों पर नजर रखने में आसानी होगी। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ सीमा भारती ने बकरी पालन के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी एवं बकरियों के बीमा और रोग की जानकारी प्रवासी मजदूरों को दी गई।
इस कार्यक्रम में 35 प्रवासी मजदूरों ने प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम में उप निदेशक कृषि गोरखपुर जिला कृषि अधिकारी गोरखपुर फसल सुरक्षा अधिकारी गोरखपुर पशु चिकित्सा अधिकारी गोरखपुर ने प्रतिभाग कर प्रवासी मजदूरों को सरकार की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। वैज्ञानिक कृषि प्रसार डॉ राहुल सिन्हा प्रवासियों को बताया कि संगठित होकर या समूह बनाकर बकरी पालन का कार्य करें जिससे बकरी और उस से बनने वाले उत्पाद और उनके विपणन कोई समस्या नहीं आएगी। डॉ सिंह ने बताया बकरियों के विक्रय और खरीद हेतु सोशल मीडिया का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है और घर बैठे अपने उत्पाद को उचित मूल्य पर बेचा जा सकता है। प्रशिक्षण में डॉ अवनीश सिंह ने प्रवासी मजदूरों को बकरी आहार में चारे का महत्व के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में डॉ अजीत श्रीवास्तव वैज्ञानिक उद्यान डॉ संदीप प्रकाश उपाध्याय मृदा वैज्ञानिक श्री जितेंद्र सिंह श्री गौरव सिंह के साथ-साथ चरगवां, पिपराइच, पाली जंगल कौड़िया और कैंपियरगंज के प्रवासी मजदूरों ने प्रतिभाग किया।