महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र चौक माफी पीपीगंज गोरखपुर, पर राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत दिनांक 04-06 फरवरी 2020 तक तीन दिवसीय गुड प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन विषय पर रसायन रहित गुड उत्पादन पर प्रशिक्षण दिया गया । प्रशिक्षण में गन्ने की पिराई से लेकर गुड़ बनाने तथा उसका मूल्य संवर्धन किस प्रकार किया जाए प्रशिक्षण के दौरान किसानों को बताया गया गुड़ के विभिन्न उत्पादों जैसे आंवला गुण, अजवाइन गुड़, हल्दी गुड़, मंगरैल गुड़, सौंठ गुड़ आदि को गुड़ यूनिट पर बनवाया गया । विशेषज्ञ के रूप में भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ के डॉ राजीव राय, केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉक्टर आरपी सिंह अवनीश कुमार सिंह के साथ कृषि विज्ञान केंद्र के सभी वैज्ञानिकों द्वारा इस प्रशिक्षण में किसानों को जानकारी दी गई ।
किसानों को गुण का महत्व उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया गया। डॉ राजीव राय ने किसानों को 3 दिनों तक विभिन्न प्रकार के गुड उत्पाद के बारे में जानकारी दिया साथ ही 20 ग्राम एवं 10 ग्राम के आकार में गुण बनाकर कृषकों को दिखाया एवं कृषकों द्वारा भी बनवाया । डॉ आर पी सिंह द्वारा गन्ना उत्पादन में प्रयोग होने वाले रसायनों का प्रयोग किसान ना करें गन्ने का उत्पादन जैविक विधि द्वारा जैसे गोबर की खाद जैविक खादों द्वारा करें जिससे गन्ने की गुणवत्ता एवं मनुष्य पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव को कम किया जा सके इस प्रशिक्षण के दौरान बताया गया ।डॉ अवनीश सिंह द्वारा बताया गया कि गुड प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन द्वारा पूर्वांचल में गन्ने की खेती में जो कमी आई है उसको कृषकों द्वारा गुड़ का प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन कर आय प्राप्त करने एवं अन्य कृषकों को गन्ना उत्पादन हेतु प्रेरित किया जा सकता है साथ ही उनको उनके गन्ने का उचित मूल्य मिल सकता है और यह रोजगार के लिए काफी सहायक होगा । प्रशिक्षण के दौरान पाली गौरी बाजार देवरिया, सहजनवा, भरोहियां, खलीलाबाद, कैंपियरगंज, चरगांवा, जंगल कौड़िया गोरखपुर से तीन दर्जन से अधिक कृषकों ने भाग लिया प्रशिक्षण के आखिरी दिन प्रशिक्षणार्थियों से प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त जानकारी एवं उनका फीडबैक प्राप्त कर उनको प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र दिया गया।
नीलम पांडे, महेंद्र यादव, अभिषेक मौर्य, विवेकानंद श्रीवास्तव, अजय सिंह, लालू प्रसाद यादव, छेदी प्रजापति, बबलू पांडे, लालू यादव, राहुल त्रिपाठी, प्रदीप जयसवाल, बाबूराम, रामनिवास मौर्या, गौरी शंकर पाठक, ज्ञानेश्वर सिंह इत्यादि कृषक मौजूद रहे l