महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र, पीपीगंज गोरखपुर के पशुपालन विशेषज्ञ डॉ विवेक प्रताप सिंह ने बताया कि आज कृषि में युवाओं को आने की जरूरत है नवीनतम तकनीक से की गई खेती से लाभ ही लाभ हैं। कृषि को सिर्फ खेती ही नहीं बल्कि एक व्यवसाय के रूप में स्थापित कर इस प्रकार से कार्य करें कि जिससे किसान को वर्ष भर आमदनी होती रहे और जोखिम कम हो। नवीनतम कृषि तकनीकी के अंतर्गत समेकित कृषि प्रणाली को अपनाकर किसान अपनी आय को दोगुना ही नहीं वरन और अधिक कर सकते हैं, समेकित कृषि प्रणाली के अंतर्गत पशुपालन, मछली, पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, चारा उत्पादन, फसल उत्पादन, उद्यानिकी फसलें जैसे आम अमरूद इत्यादि तालाब के किनारे पेड़ों पर लगाकर उनसे फल उत्पादन के साथ ही गूटी या कलम द्वारा पौधे तैयार कर आमदनी बढ़ा सकते हैं।
डॉ सिंह ने बताया कि समेकित कृषि प्रणाली कृषि की वह विधा है जिसमें कृषक एक ही प्रकार की खेती पर आश्रित ना रहकर खेती के साथ-साथ कृषि से जुड़े अन्य व्यवसाय जैसे पशुपालन बकरी पालन, मछली पालन,वानिकी इत्यादि का एक साथ समायोजन किया जाए। इसे ही समेकित कृषि प्रणाली कहा जाता है। समेकित कृषि प्रणाली अपनाकर कृषि में जोखिमों को कम कर अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। भविष्य में यदि किसी एक व्यवसाय पर किसी आपदा, बीमारी या किसी भी प्रकार का नुकसान होने पर अगर एक व्यवसाय से हानि हो जाता है तो दूसरा व्यवसाय उसकी भरपाई कर देता है और किसान को निरंतर वर्षभर आय प्राप्त होने के साथ किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत रहती है। कृषि रोजगार के संबंधित जानकारी के लिए केंद्र पर प्रशिक्षण कार्यक्रम होते रहते हैं, जिला के युवक, युवतियां, किसान सभी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं | केंद्र द्वारा तकनीकी सलाह और जानकारियां प्राप्त कर किसान एवं युवा इसे रोजगार के रूप में अपनाएं तो अच्छी आमदनी प्राप्त करने के साथ ही अन्य लोगों को भी रोजगार दे सकते है।