संतोष नेगी/ चमोली के पोखरी ब्लाक में शनिवार देर शाम को खदेड़ पट्टी के तोणजी रडुवा ,काण्डई ,जौरासी ,किमोठा सलना , बगथल, भिकोना ,पाव ,विशाल ,हापला घाटी के नैल ,नौली, मसोली ,गुडम , सिदेली,कुलेन्डू, श्रीगढ ,कलसीर , त्रिशूला घाटी के नैल त्रिशूला सगूड तथा रौता पोगठा सहित तमाम गांवों में बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से काश्तकारों की गेहू सरसों और सब्जियों आलू, गोभी मटर की खेती को चौपट तहस नहस हो गयी है.
बारिश और ओलावृष्टि के साथ चलीं तेज हवाओं से गेहूं की खड़ी फसलों को भारी नुकसान हुआ और नगदी फसल आलू ,मटर , प्याज, के ऊपर गिर रही एक एक बूंद बारिश से मानों किसानों के अरमान धुल रहे थे। तेज हवाओं के झोकों से गेहूं की फसलें खेत में गिर गयीं।
आलू, मटर ,प्याज , धनिया, लेहसुन , गोभी के पौधों पर गिर रहे ओले फल को डालियों को यैसे तोड रहे थे जैसे कोई पटाखे फोड रहा हो।मई के पहले हफ्ते में ही मौसम ने कई रंग दिखाए। सुबह के समय मौसम लगभग सामान्य रहा वहीं दोपहर में तापमान में बृद्धि हुई जिससे जनजीवन को गर्मी ने बेहाल किया। मौसम में दोपहर बाद परिवर्तन दिखने लगा था जो शाम को 4 बजे के आस पास हल्की बरसात के साथ ओलावृष्टि और बारिश में परिवर्तित हो गयी और हल्की हल्की ठंड महसूस होने लगी।
ओलावृष्टि से रबी की फसलों को भारी नुकसान पहुँचा है। बेमौसम बारिश और बर्फबारी से गेहूं और सरसों की फसल सबसे जादा प्रभावित हुई है। तेज हवा से गेहूं की खड़ी फसल गिर गयी है।
नैल के प्रधान संजय रमोला, रौता के प्रधान बीरेन्द्र राणा नौली के प्रधान सतेन्द्र नेगी, गुड़म के प्रधान सज्जन सिंह का कहना है कि ओलावृष्टि ने उनकी 6 माह की मेहनत पर पानी फेर दिया है गेहूं और सरसों की फसल पक कर कटाई के लिये तैयार थी तो वही सब्जी की खेती भी चौपट हो गयी.