आकाश रंजन: बीते बुधवार को ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने सोनी पिक्चर्स इंडिया के साथ विलय की घोषणा की है। विलय के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 22 सितंबर को ज़ी के शेयर की कीमत 52-सप्ताह के उच्च स्तर 355.40 रुपये पर पहुंच गई। जो 22 सितंबर को 39 प्रतिशत की बढ़त के साथ थी। विलय के बाद, सोनी 1.57 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी और 52.93% हिस्सेदारी अपने पास रखेगी। वहीं ज़ी के पास 47.07 प्रतिशत शेयरों की हिस्सेदारी होगी।
ज़ी टीवी, ज़ी न्यूज़, ज़ी एंटरटेनमेंट जैसे ब्रांडों के साथ टेलीविजन प्रसारण और डिजिटल मीडिया में दब दबा रखने वाला ज़ी फिलहाल कुछ महीनो से खस्ता चल रहा है। खस्ता चलने का कारण आसान भासा में समझे तो ज़ी अपने नकदी संकट से जूझ रहा है। इसके लिए सोनी के साथ विलय से ज़ी की नइया पार लगने की उम्मीद है। ज़ी कारोबार में विलय करने के बाद 2 अरब डॉलर का मीडिया पावरहाउस बनाएगा। और यही मुख्य कारण है जिससे ज़ी के शेयर धड़ल्ले से बढ़ रहे है।
विलय में क्या है विवाद
वर्त्तमान में ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका है। पुनीत गोयनका मीडिया मुग़ल और मीडिया जायंट कहलाने वाले सुभास चंद्रा के बेटे है। सुभाष चंद्रा गोयनका एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन है और ज़ी ग्रुप की स्थापना भी इनके द्वारा की गयी थी। पुनीत गोयनका को ही विलय की गई इकाई में एमडी और सीईओ के रूप में पांच साल के लिए नियम और शर्तों के साथ नियुक्त किया गया है। यही हैं विवाद का कारण। सोनी इंडिया पुनीत गोयनका को बाहर निकालने की तैयारी कर रहा है क्योंकि गोयनका ने ज़ी को एक समझौते की पेशकश की है। जिसमें एक अज्ञात संख्या में शेयरों का हस्तांतरण किया गया है। जो यह सुनिश्चित करेगा कि विलय वाली इकाई में पुनीत गोयनका का 3.99 प्रतिशत की हिस्सेदारी रहेगी।
कितने का आया उछाल
22 सितंबर को 15:24 बजे जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज बीएसई पर 82.30 रुपये के बाद 32.19 प्रतिशत उछाल के साथ 337.95 रुपये पर कारोबार करने लगा। वही ज़ी के शेयर अपने पांच दिन के औसत 3,214,663 शेयरों की तुलना में 7,183,609 शेयरों के वॉल्यूम के साथ कारोबार कर रहा था। जिसका मतलब है पांच दिन के औसत में 123.46 प्रतिशत की उछाल आई है। और इसके तीस दिन के औसत 1,125,039 शेयरों की तुलना में 538.52 प्रतिशत की उछाल देखा गया।
सौदे में एक दिलचस्प मोड़ है- यदि ज़ी अपने मौजूदा नकदी संकट को दूर करते हैं और आगे बने रहना चाहते हैं तो। ज़ी के संस्थापकों के पास अपनी हिस्सेदारी को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का विकल्प भी होगा।