नई दिल्ली ,शुक्रवार,29 जून 2018, ऑनलाइन ट्रोल करने वालों का सामना करने के लिए ज़रूरी है कि आप अपने मुद्दे को लेकर एक ऑनलाइन कम्यूनिटी बनाए जो ख़ुद ट्रोल को मुद्दे के सपोर्ट में उनका जवाब दे,ध्यान ये रखना है कि चर्चा को मुद्दे पर केंद्रित और सकारात्मक रखें। कुछ इस तरह के सुझाव निकल कर आये ‘ऑनलाइन स्पेस को सभी के लिए सुरक्षित कैसे बनाएं’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में,जिसका आयोजन मानवाधिकार और महिला मुद्दों पर काम करने वाली स्वंयसेवी संस्था ब्रेकथ्रू द्वारा किया गया था। कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के 70 से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया। परिचर्चा को अनिका और वर्षा ने मॉडरेड किया।
इस अवसर पर ब्रेकथ्रू की मीडिया हेड प्रियंका ने बताया कि सेफर स्पेस को लेकर ब्रेकथ्रू 2015 में ऑनलाइन और ऑनग्राउंड कैंपेन ‘स्टैंड विद मी’ चलाया था ,इसके दूसरे चरण में हम विशेष रूप से ऑनलाइन सेफर स्पेस के मुद्दे को लेकर आए हैं।उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि सेफर स्पेस का निर्माण ज़रूरी है लेकिन कैसे इस बारे में भी सोचने की ज़रूरत है। अंतर पीढ़ी संवाद इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है ।
यूथ की आवाज़ के फ़ाउंडर और प्रमुख अंशुल तिवारी ने कहा कि सोशल मीडिया पर ट्रोल एक गम्भीर समस्या बनता जा रहा है । यह सेफर स्पेस के लिए एक खतरा है। पहले मैं सोशल मीडिया के हेट स्पीच और ट्रोलिंग पर ज़्यादा ध्यान नहीं देता था। लेकिन अब इस समस्या के समाधान के लिए अब इस तरह के कमेंट ब्लाक कर देते हैं,रिपोर्ट भी कर देते हैं । इसके लिए हमें एक ऐसे समुदाय की ज़रूरत है जो एक-दूसरे के साथ खड़ा रहे।यूथ की आवाज़ इसी पद्धति पर काम करता है ।
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए क्राइडन्यूजिंग के बिलाल ज़ैदी ने कहा कि सेफर स्पेस के लिए मुद्दों पर काम करने के साथ-साथ समुदाय को भी साथ लाने की ज़रूरत है । अगर समुदाय आगे बढ़ेगा तो बदलाव ज़रूर दिखेगा ।आज के समय में ट्रोल्स के भीतर कहीं ना कहीं कानून के शिकंजे का खौफ़ ख़त्म हुआ है शायद यह भी एक बड़ी वजह है कि पिछले कुछ वक़्त में समस्या ज़्यादा बढ़ गई है ।
ब्यूटी ब्लॉगर कोमल खुल्बे ने कहा कि सोशल मीडिया पर जवाब देना बहुत ज़रूरी है ।कई बार हम इग्नोर करते हैं जिससे कई बार ट्रोल्स को लगता है कि शायद हमने उनके कमेंट्स को नहीं देखा है ।सेफ स्पेस के लिए बोलना बहुत ज़रूरी है ।
न्यूज़ लिंक के आनंद कहते हैं कि ट्रोल करना अपने आप में संगठित अपराध की तरह है क्योंकि आज कल संगठित ढंग से ही ट्रोल किया जा रहा है । आप डर को कंट्रोल नहीं कर सकते हैं लेकिन उसे आप अपने बेहतर ढंग के लिए ज़रूर इस्तेमाल करते हैं ।
शिरोज की मेरिल ने कहा कि समुदाय में अंतपीढ़ी संवाद ही समुदाय के सभी सदस्यों को आगे बढ़ने की ताकत देता है ।
नज़रिया की देवयानी महाजन ने इस मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए कहा कि आप लोगों में बदलाव ला सकते हैं यहाँ तक लोगों को भी बदल सकते हैं । इसके लिये बात करना बेहद ज़रूरी है । सोशल मीडिया पर भाषा शैली और कंटेंट दोनों ही समुदाय के हिसाब से होने चाहिए ताकि संपर्क जुड़ सके ।