*इंदौर में प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने निजी अस्पतालों में लगे आक्सीजन प्लांटों का किया पूरा निरीक्षण | कोरोना से लड़ने की प्रदेश कर रहा है पूरी तैयारी | सरकार कोरोना की तीसरी लहर के चलते अतिरिक्त सतर्कता बरतना चाहती है।
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते सरकार ने कोरोना से लड़ने की तैयारियां तेज कर दी हैं। पिछले दिनों सरकारी अस्पतालों में लगे आक्सीजन प्लांटों का निरीक्षण हुआ था। गुरुवार को जिले के प्रभारी और प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा तीन निजी अस्पतालों में लगे आक्सीजन प्लांटों का निरीक्षण किया | वे एक दिन भ्रमण पर नौ दिसंबर को सुबह 10 बजे इंदौर आये और विभिन्न अस्पतालों में पहुंचकर ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया | मीडिया से बात कर उन्होंने महत्वपूर्ण जानकारी दी है है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से मुकाबला करने के लिए इंदौर में मेडिकल, ऑक्सीजन सहित सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह दुरूस्त हैं।ऑक्सीजन की कमी को लेकर कोई भी आशंका पूरी तरह निराधार है। प्रदेश के हर जिले में ऑक्सीजन प्लांट तैयार हो गए हैं।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रभारी मंत्री डॉ. मिश्र ने सुयश अस्पताल, गीता भवन चैरिटी अस्पताल और बड़वानी प्लाजा के सामने ओल्ड पलासिया क्षेत्र स्थित एमिनेंट अस्पताल में लगे ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया ।
इंतजाम हो पूरे पर्याप्त
बताया जा रहा है कि सरकार कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते अतिरिक्त सतर्कता बरतना चाहती है। पिछले दिनों सरकारी अस्पतालों में लगे आक्सीजन प्लांटों का निरीक्षण भी किया गया था। चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में कुछ दिन पहले ही आक्सीजन प्लांट का लोकार्पण हुआ है। इस प्लांट की विशेषता है कि जरूरत पड़ने पर यहां से अन्य अस्पतालों को भी आक्सीजन की सप्लाय की जा सकेगी। इतना ही नहीं इस प्लांट पर एक समय में 12 जंबो सिलिंडर भरे जा सकेंगे।
आक्सीजन के मामले में अस्पतालों के आत्मनिर्भर होने का फायदा यह रहेगा कि उन्हें मेडिकल आक्सीजन के लिए निजी सेक्टर पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सूत्रों के मुताबिक सरकार जल्द ही कुछ सरकारी अस्पतालों में पहले से लगे आक्सीजन प्लांटों की क्षमता को बढ़ाने की योजना बना रही है।