चीन के साथ विवाद के चलते भले ही भारतीय सेना का फोकस एलएसी के पश्चिमी सेक्टर और पूर्वी लद्दाख में हो लेकिन बता दें इस समय सेना LAC के पूर्वी सेक्टर में भी ताकत बढ़ाने में लगी हुई है। आर्मी अपने हथियारों को भी अपग्रेड कर रही है। इस क्षेत्र में विंटेज एयर डिफेंस बोफोर्स गन और अल्ट्रा लाइट होवित्जर एम777गन के साथ सैनिकों को तैनात करने की तैयारी है।
सूत्रों की माने तो सुरक्षा कारणों से तवांग सेक्टर के ईस्टर्न कमांड के अधिकारियों ने हथियारों की संख्या पर जवाब देने से इनकार कर दिया है। हालांकि उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में आधुनिक हथियार बढ़ाए जा रहे हैं। बता दें कि भारत ने 145 एम777 गन खरीदी हैं। पहली बार इन्हें 2018 में सेना में शामिल किया गया था।
बता दें तवांग सेक्टर में आर्टिलरी ब्रिगेड को हेड करने वाले ब्रिगेडियर संजीव कुमार ने कहा कि अल्ट्रा लाइट होवित्जर के बोफोर्स गन से भी ज्यादा फायदे हैं। एलएसी के पास 13 हजार फीट की ऊंचाई वाले फॉरवर्ड लोकेशन के बारे में कुमार ने कहा कि भारी बोफोर्स को यहां तक पहुंचाना मुश्किल होता है। इसलिए अल्ट्रा लाइट होवित्जर यहां ज्यादा कामयाब हैं। उन्होंने कहा कि चिनूक हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करके भी इन हथियारों को आसानी से ऊंचाई वाले इलाकों में पहुंचाया जा सकता है।
वहीं आर्मी अब ऑटोमेटेड सिस्टम के जरिए अपनी स्थिति को मजबूत करने पर जोर दे रही है। बोफोर्स रेजिमेंट के कैप्टन प्रतीक ने कहा कि हाल ही में कई अतिरिक्त बोफोर्स तोपों को एलएसी के पास तैनात किया गया है। इनकी इफेक्टिव रेंज 40 किलोमीटर के आसपास है।
उधर भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड ने भी एल70 स्वीडिश एयर डिफेंस गन को अपग्रेड कर दिया है। अब ये गन आसामी संकटों को ट्रैक करने में भी सक्षम हैं। हेलिकॉप्टर, ड्रोन और एयरक्राफ्ट पर वार करने में इन गन का इस्तेमाल हो सकता है। लगभग 575 करोड़ रुपये खर्च करके 200 गन को अपग्रेड किया गया है।
ग़ौरतलब है की भारत ये तैयारियों इसलिए कर रहा है क्योंकि चीन भी अपनी ताकत लगाने में लगा हुआ है। चीनी मीडिया के मुताबिक एलएसी के पास चीनी सेना ने 100 अडवांस लॉन्ग रेंज रॉकेट लॉन्चर लगाए हैं।