-ग्रामीण इलाके में 15 दिन मुफ्त मेें दांतों के प्रति संवेदनशीलता से संबंधित जागरूकता कार्य करने की पहल सराहनीय
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि दांत की अगर ढंग से देखभाल न हो तो कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री ने देशवासियों को आयुष्मान भारत का अनुपम तोहफा दिया है। इसका लाभ जनमानस को मिलने लगा है। इससे स्वस्थ भारत-समृद्ध भारत और खुशहाल भारत बनेगा। इसमें दांतों से संबंधित कई समस्याओं को भी शामिल किया गया है। मेरा तो व्यक्तिगत रूप से मानना है कि दांत स्वस्थ नहीं तो फिर आंत भी स्वस्थ नहीं रहेगा। इस तरह के सम्मेलन से न केवल जागरूकता बल्कि इस क्षेत्र में हो रहे नवीनतम कार्यों, अनुसंधान आदि की जानकारी मिलती है। जिसका लाभ जनमानस को मिलता है।
वे लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में भारतीय दंत चिकित्सा छात्र कल्याण एसोसिएशन और भारतीय दंत चिकित्सा सर्जन एसोसिएशन द्वारा आयोजित 11वें अंतर्राष्ट्रीय दंत चिकित्सा छात्र सम्मेलन एवं 5वें दंत चिकित्सा सर्जन सम्मेलन के उदघाटन के अवसर पर बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।
15 दिन साल में ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करने की ली छात्रों ने शपथ
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में आए छात्र व अन्य प्रतिभागियों ने ग्रामीण क्षेत्र में साल में 15 दिन कार्य करने की शपथ ली है। यह एक सकारात्मक कदम है। इससे अन्य भी अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों के प्रति संवेदनशील होंगे। केंद्रीय राज्यमंत्री श्री चौबे ने देश और दुनिया के विभिन्न देशों से सम्मेलन में आए सभी डेंटल छात्रों और सर्जनों का मैं अभिनंदन करता हूं। मेरे ध्यान में यह भी लाया गया है कि संगठन विभिन्न देशों के डेंटल शिक्षकों की सहायता से अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान कार्यक्रम और अंतर्राष्ट्रीय विनियम कार्यक्रम भी चलता है। इससे भारतीय छात्रों को अपने देश से बाहर के बारे में जानने का सुनहरा अवसर मिलता है।
दांत से संबंधित रोगों में बढ़ोतरी चिंता का विषय
उन्होंने एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. चंद्रेश शुक्ला को बेहतर सम्मेलन संयोजन के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि दांत से संबंधित रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। यह चिंता का विषय है। इस मौके पर सभी एक प्रण यह भी लें कि देश के लोगों मेें दंत सुरक्षा और दंत स्वास्थ्य के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करें। ग्रामीण क्षेत्र में डेंटल कैंप लगाए। मुख कैंसर भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसे डेंटिस्ट गंभीरता से लें। इससे कई मौतें हो रही हैं। सरकार ने मुख कैंसर से पार पाने के लिए कई कदम उठाए हैं। लेकिन अभी भी कई पहलु हैं। जिन पर हमें काम करना होगा।
दंत चिकित्सा व शिक्षा गुणात्मक हो इसे लेकर सरकार गंभीर
मंत्री श्री चौबे ने कहा कि हर वर्ष डेंटल कॉलेजों की बढ़ती संख्या के कारण इनकी संख्या में वृद्धि होती जा रही है। सरकार चाहती है कि निजी डेंटल कॉलेजों की बजाय सरकारी कॉलेजों की संख्या बढ़े। जिन निजी कॉलेजों की सेवाएं ठीक नहीं है। उन्हें चिंहित किया जाए तथा उनके खिलाफ तुरंत कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए। डेंटल परिषद निसंदेह इस दृष्टि से बहुत सतर्क है। ताकि दंत चिकित्सा गुणात्मक रहे और देश में दंत शिक्षा उत्कृष्ट रहें। इस अवसर पर दंत चिकित्सा परिषद के डॉ. जयकर शेट्टी, भारतीय दंत परिषद के डॉ. सव्यसाची साहा, भारतीय दंत शल्य चिकित्सक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. चंद्रेश शुक्ल, डेंटल इंटरनेशनल फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रोबर्टो वीएन्ना, डॉ. राबिन मलिक सचिव डेंटल सर्जन एसोसिएशन आदि उपस्थित थे।