तृप्ति रावत/ एसी कोच में सफर करने वालों के लिए रेलवे की तरफ से दी जाने वाली ये सुविधा आपको खुश कर देगी। एसी कोच में यात्रा कर रहें यात्रीयों को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया गया है। अब गंदे कंबलो को मुहैया नही कराया जाएगा। एसी कोच के लिए उपलब्ध कराए जाने वाले कंबलों को अब महीने में दो बार धोया जाएगा। पहले यह दो महीने में एक बार धोया जाता था।
साथ ही जो कंबल अब तक चार साल तक सर्विस के लिए मुहैया कराए जाते थे, अब बस दो सालों तक ही होंगे। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने पिछले साल यात्रियों को गंदा चादर, तकिया और कंबल देने पर रेलवे को फटकार लगाई थी। इस रिपोर्ट में खाने की खराब क्वालिटी के साथ ही कंबलों का गंदा होने की बात बताई गई थी। सफर में गंदे कंबल को ओढ़ने में काफी परेशानी होती है।
रेलवे बोर्ड की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि ट्रेनों के एसी डिब्बों में ऊनी कंबलों की जगह नायलान के कंबल मिलेंगे। जिसकी कीमतें मौजूदा कंबलों की कीमत से दोगुनी होगी। हालांकि अभी इसकी कीमत को लेकर फैसला नहीं किया गया है। ये पूरी जानकारी रेलवे मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने दी है। पिछले 10 सालों में कंबलों की कीमत को नहीं बढ़ाया गया है।
एसी डिब्बों में यात्रियों को दिये जाने वाले कंबल साफ सुथरे तथा ग्रीस, साबुन या किसी अन्य चीज से मुक्त होने चाहिये ताकि वे कड़क रह सकें। 450 ग्राम वाले नये कंबल 60 प्रतिशत ऊनी और 15 प्रतिशत नायलान के बने होंगे। रेलवे बोर्ड ने एसी डिब्बों के लिये उच्च गुणवत्ता वाले हल्के कंबल को हरी झंडी दिखाई है। फिलहाल 2.2 किलोग्राम वजन वाले कंबल छोटे आकार के हैं और इन्हें चार साल तक प्रयोग किया जाता है।
रेलवे को देश भर में एसी से यात्री कर रहें लोगों के लिए रोजाना 3.90 लाख कंबलों की जरूरत होती है। पहली एसी में प्रत्येक उपयोग के बाद कंबल का कवर बदल दिया जाता है। लेकिन यह सुविधा दूसरी एसी और तीसरी श्रेणी के यात्रियों के लिए नहीं है।