आज पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। आपको बता दें कि महिलाओं को सम्मान देने और समाज में उनके प्रति बुरे रवैये के बदलाव के उद्देश्य से हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (इंटरनेशनल वुमन्स डे) मनाया जाता है। इस बार भी 8 मार्च को वूमेन्स डे 2021 विशेष थीम के साथ मनाया जा रहा है। इस साल की थीम “वुमेन इन लीडरशिप: अचिविंग एन इक्वल फ्यूचर इन ए कोविड-19 वर्ल्ड” है।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करके देश की महिलाओं को बधाई दी है।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि भारत हमारे राष्ट्र की महिलाओं की उपलब्धियों पर हमेशा से गर्व करता आया है। यह हमारी सरकार के लिए सम्मान की बात है कि हमें विभिन्न क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण को आगे बढ़ाने के लिए काम करने का अवसर मिल रहा है।
राष्ट्रपति ने भी दी बधाई
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर देश की महिलाओं को शुभकामनाएं दी है।
उन्होंने लिखा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी तरफ से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। हमारे देश की महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। आइए आज के दिन हम सब, महिलाओं व पुरुषों के बीच असमानता पूर्णतया समाप्त करने का सामूहिक संकल्प लें।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की नारी शक्ति को इस दिवस की बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा प्रदेश की नारी शक्ति की सुरक्षा, सम्मान, स्वावलंबन एवं सर्वांगींण उन्नयन के लिए यूपी सरकार प्रतिबद्ध है।
जानिए आज के दिन का इतिहास
आज से करीब 113 साल पहले साल 1908 में इसकी शुरुआत हुई थी, जब अमेरिका के शहर न्यूयॉर्क में करीब 15 हजार महिलाओं ने मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटों, बेहतर सैलरी और वोटिंग के अधिकार की मांग की थी।
सबसे पहले अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर इस दिवस को 28 फरवरी 1909 में मनाया गया है। बाद में 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया। महिलाओं के इस आंदोलन को सफलता मिली, और एक साल बाद ही सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया, जिसके बाद इसकी शुरुआत हो गई। बदलते वक्त से साथ इसको मनाने का तरीका भी बदल गया। इस दिन को मनाने का उद्देश्य महिलाओं के प्रति सम्मान और उनको समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने से होता है।
8 मार्च का दिन ही क्यों चुना गया?
दरअसल, रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस की मांग को लेकर 1917 में हड़ताल की। हड़ताल फरवरी के आखिरी रविवार को शुरू हुई।
यह एक ऐतिहासिक हड़ताल थी और जब रूस के जार ने सत्ता छोड़ी तब वहां की अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिया।
जानिए महिला दिवस का महत्व
महिलाओ को लेकर समाज के लोगों को जागरूक करने, महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने जैसी चीजों के प्रति उन्हें जागरूक करने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।
महिलाओं के हौसलों को बुलंद करने और समाज में फैले असमानता को दूर करने के लिए ही हर वर्ष महिला दिवस मनाया जाता है।
भारत में महिलाओं के लिए कई विशेषाधिकार
आज दुनिया महिला दिवस मना रही है. लेकिन, आज भी महिलाएं असुरक्षित हैं, उनका शोषण जारी है। उनके खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी नहीं आई है। यहां तक की अनेक अपराध दर्ज भी नहीं हो पाते। ज्यादातर महिलाओं को अपने अधिकार का भी के बारे भी नहीं पता। भारतीय संविधान ने महिलाओं को कई अधिकार दिए है।
इनमें सेक्सुअल हैरेसमेंट ऑफ वूमेन एक्ट, मेटरनिटी बेनिफिट एक्ट, प्रोटेक्शन ऑफ वुमन डॉमेस्टिक वायलेंस एक्ट, प्रोहिबिशन ऑफ चाइल्ड मैरिज एक्ट समेत अन्य सभी अधिकारों का उपयोग कर महिलाएं अपनी लड़ाई खुद लड़ सकती है। ऐसे में समाज को भी महिलाओं के प्रति अपनी नजरिया बदल ली होगी। लैंगिक भेदभाव को छोड़कर आधी आबादी को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करना होगा। उन्हें समान अवसर देने होंगे तभी हमारा पीढ़ी शिक्षित होगा, आगे बढ़ेगा।