पतंजलि की जन्मस्थली को योगी और मोदी सरकार से विकास की दरकार

पंकज चतुर्वेदी।भारत समेत पूरी दुनिया 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने की में मशगूल है वहीं योग प्रणेता महायोगी महर्षि पंतजलि की जन्मस्थली आज भी विकास की दरकार है । उत्तर प्रदेश मे देवी पाटन मंडल मुख्यालय गोण्डा के वजीरगंज कोडर गांव में स्थित महायोगी महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली आज भी विकास के सपने संजोए हुये । महर्षि पतंजलि न्यास के अध्यक्ष स्वामी भगवदाचार्य ने लोकमत को बताया कि विक्रम संवत दो हजार वर्ष पूर्व श्रावण मास की शुक्ल पंचमी को महर्षि पतंजलि ने गोनर्द की पावन धरती पर जन्म लिया था । उनकी माता का नाम गोणिका था । महर्षि पंतजलि व्याकरण महाभाष्य के रचयिता थे ।

उन्हे ज्ञान और भक्ति की प्राप्ति कोडर झील के किनारे बैठ कर हुई थी । शेषावतार माने जाने वाले पतंजलि त्रिजट ब्राह्मण थे । विद्वानों के अनुसार , सूत्रकार वृत्तिकार और भाष्यकार त्रिजट ब्राह्मणों की तीन जटाओं के प्रतीक है । इस संबन्ध मे पतंजलि का अनोखा भाष्य ग्रंथ , विश्व मे प्रचलित हुआ । इसकी शैली सर्वथा भिन्न होने के कारण इस शैली का दूसरा कोई ग्रंथ नही है । महर्षि ने काशी के नागकुआ के पास अपनी कर्मभूमि बनायी । उन्होंने अपने ग्रंथ महाभाष्य मे स्वयं को कई बार गोनर्दीय कहा है । विद्वानों ने महर्षि पतंजलि की व्याख्या करते हुये लिखा है कि , पत्रन्ति अज्जलया सस्मिन इति पतंजलि ।

उन्होने बताया कि भले ही अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर रिकार्ड संख्या में योग करवाने को लेकर केन्द्र , राज्य सरकार व पतंजलि योगपीठा जगह जगह प्रशिक्षण शिविरों के प्रयासरत हो लेकिन योग प्रणेता महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली की बदहाली पर किसी का ध्यान आकर्षित नहीं है

News Reporter
पंकज चतुर्वेदी 'नमामि भारत' वेब न्यूज़ सर्विस में समाचार संपादक हैं। मूल रूप से गोंडा जिले के निवासी पंकज ने अपना करियर अमर उजाला से शुरू किया। माखनलाल लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में परास्नातक पंकज ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी में पत्रकारिता की और पंजाब केसरी के साथ काम करते हुए राष्ट्रीय राजनीति को कवर किया है। लेकिन मिट्टी की खुशबू लखनऊ खींच लाई और लोकमत अखबार से जुड़कर सूबे की सियासत कवर करने लगे। 2017 में पंकज ने प्रिंट मीडिया से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरफ रुख किया। उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित चैनल न्यूज वन इंडिया से जुड़कर पंकज ने प्रदेश की राजनीतिक हलचलों को करीब से देखा समझा। 2018 से मार्च 2021 तक जनतंत्र टीवी से जुड़े रहें। पंकज की राजनीतिक ख़बरों में विशेष रुचि है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही पॉलिटिकल रिपोर्टिंग की तरफ झुकाव रहा है। वह उत्तर प्रदेश की राजनीति की बारीक समझ रखते हैं।
error: Content is protected !!