मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। अयोध्या में पांच अगस्त को होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई विशिष्ट व्यक्तियों की मौजूदगी को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से खुफिया एजेंसियों ने पूरे प्रदेश में अपना जाल फैला रखा है।उत्तर प्रदेश के जिन जिलों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की सक्रियता है उन जनपदों में सुरक्षा को लेकर प्रशासन के माथे पसीना छूट रहा है। मुख्यमंत्री रहते हुए मायावती ने प्रदेश के 22 जिलों में आईएसआई की सक्रियता की सूची विधानसभा कार्यवाही के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में लिखित दिया था। अखिलेश यादव ने भी मुख्यमंत्री रहते हुये प्रदेश के 27 जिलों में सक्रिय होने की लिखित जानकारी दिया था। जिन जिलों का नाम शामिल था उनमें गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, बुलंदशहर, बदायूं, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, रामपुर, शाहजहांपुर, सीतापुर, हरदोई, कानपुर, लखनऊ, बाराबंकी, तत्कालीन फैजाबाद वर्तमान अयोध्या, अंबेडकर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, तत्कालीन इलाहाबाद वर्तमान प्रयागराज, भदोही, गाजीपुर, जिलों का नाम था।
सपा सरकार में बिजनौर, बदायूं, सहारनपुर जिलों से केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों की गिरफ्तारी भी किया था। इसको देखते हुए पश्चिमी यूपी से लेकर पू्र्वांचल तक के जिलों में सभी संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है। एटीएस की टीमें हर इनपुट पर तत्काल सक्रिय हो रही हैं। अयोध्या के सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है। 5 जुुुला 2005 को श्रीराम जन्मभूमि स्थान पर विराजमान भगवान रामलला के अस्थायी मंदिर पर आतंकी हमला हुआ था। जिसकी जिम्मेदारी लश्करे-ए-तैयबा ने ली थी। हमले में शामिल सभी 5 आतंकी केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों द्वारा ढेर कर दिये गये थे। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के चलते केन्द्री और राज्य सरकार की खुफिया इकाई अयोध्या को अभेद्य किले के रूप में किले बंदी कर दिया है। सूत्रों की मानें तो धर्मनगरी के एक-एक घरों की रेकी की जा चुकी है। किसी के घर मे कोई रिश्तेदार भी आया तो प्रशासन को इसकी जानकारी दी जायेगी। शासन ने खास रणनीति के तहत ही अयोध्या के आसपास के नौ जिलों में एडीजी, आईजी व डीआईजी स्तर के पुलिस अफसरों को तैनात किया है। ये अफसर अपनी निगरानी में खतरे वाले सभी स्थानों की चेकिंग करा रहे हैं। सैकड़ों संदिग्धों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लेकर नजर रखी जा रही है।
जेहादी विचाराधारा से प्रभावित संगठनों से जुड़े लोग भी रडार पर हैं। बाहर से आकर होटलों व धर्मशालाओं में रुके सभी लोगों की तलाशी कराई जा रही है। अयोध्या में होटलों व धर्मशालाओं में रुके लोगों के बारे में स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) लगातार जानकारी जुटा रही है।3 अगस्त की रात्रि से ही अयोध्या में बाहरी लोगों का घुसने नहीं दिया जायेगा।कार्यक्रम के दिन अयोध्या के सुरक्षा प्रबंधों की जिम्मेदारी एडीजी स्तर के तीन अधिकारी स्वयं संभालेंगे। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार, एडीजी जोन लखनऊ एसएन साबत व एडीजी सुरक्षा बीके सिंह अयोध्या की जोनवार व्यवस्था की निगरानी करेंगे। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम स्थल तक जाने वाले मार्ग पर सुरक्षा के फूलप्रूफ इंतजाम किए गए हैं। वैसे पूरी अयोध्या पर ड्रोन कैमरे से नजर भी रखी जाएगी। साथ ही आसपास की छतों पर स्नाइपर तैनात किए जाएंगे। एटीएस के कमांडो सभी संवेदनशील स्थानों पर तैनात रहेंगे।