योगी सरकार द्वारा सार्वजनिक स्थल पर अवैध धार्मिक स्थल के बनाये जाने पर 3 साल की सजा के प्राविधान का कानून बनने को लेकर अयोध्या की बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने स्वागत किया है। इकबाल अंसारी का कहना है कि लोगों को धार्मिक निर्माण से सार्वजनिक स्थल को कब्जा करने का मौका मिलता है। सरकार कानून में सजा का प्राविधान ला रही तो बेहतर है। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, मजार के लिए जो जगह बनाई गई, वही बनाई जानी चाहिए। सरकारी या ग़ैर सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाना जुर्म है। सार्वजनिक स्थल की जमीन सभी के लिए होती है। सार्वजनिक जमीन पर कब्जा होने पर लोगों को बहुत दिक्कतें होती हैं।
वहीं, राम जन्मभूमि रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने भी योगी आदित्यनाथ सरकार के सार्वजनिक स्थल पर अवैध धार्मिक स्थल बनाये जाने पर 3 साल सजा के प्राविधान का समर्थन किया है। आचार्य सतेंद्र दास का कहना है कि बिना भय के कोई भी काम सुचारू रूप से नही होता। सार्वजिनक स्थल पर लोग मनमानी कर धार्मिक स्थल बनाये जाते है वह गलत है। कानून के साथ सजा के प्राविधान से सार्वजनिक स्थल पर कोई अवैध कब्जे का साहस नहीं करेगा। सरकार का यह विचार अच्छा है। सजा के भय से सार्वजनिक स्थल पर कोई भी धार्मिक स्थल नही बनेगा। सार्वजनिक स्थल पर अवैध कब्जे से सभी लोगो को परेशानी होती। सरकार इस कानून को लागू करे और कड़ाई से पालन कराए।