नई दिल्ली, 11 सितंबर, 2018 :- गिरनार बचाओ आंदोलन समिति के नेतृत्व में जैन समाज ने गिरनार मुद्दे को लेकर जंतर-मंतर पर विशाल आंदोलन एवं धरना-प्रदर्शन किया। इस धरना-प्रदर्शन में गुजरात के जूनागढ़ स्थित जैन आस्था का केन्द्र भगवान नेमिनाथ की मोक्षस्थली गिरनार पर्वत व उसकी टोंकों पर कब्जा, संरक्षित स्मारक के बदलाव के साथ-साथ जैन समुदाय को धार्मिक अधिकारों एवं पूजा से वंचित किए जाने के खिलाफ जैन समाज ने कड़ा विरोध दर्ज कराया।
जैन समाज के गुरू श्री योगभूषण जी महाराज ने कहा कि ‘गिरनार’ जैन समाज का था, है और रहेगा। गिरनार मुद्दे को धार्मिक तौर पर निपटारा करना चाहिए।
जैन राजनैतिक चेतना मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रविन्द्र काला ने इस मामले में केन्द्र और राज्य सरकारों को जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर सुलझाने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश में जैन समाज सबसे ज्यादा टैक्स देने वालों मे से हैं लेकिन हमें अल्पसंख्यक समझकर दरकिनार किया जा रहा है। सरकार को यह ध्यान देना चाहिए ताकि हमारी भावनाओं को ठेस न पहुंचे।
वहीं श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ संरक्षिणी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व आंदोलन के आयोजक निर्मल कुमार जैन सेठी ने सरकारों से मांग की कि गिरनार पर्वत से हिंदू महन्तों को यथाशीघ्र हटाया जाये। साथ ही जो भी नवनिर्माण टोंक व अन्य जगहों पर किये गये हैं उसे कानून अनुसार तत्काल हटाने का कार्य हो। उन्होंने सरकार से मांग की है कि 19 जुलाई, 2018 को जिन पुलिस कर्मचारियों ने हमारे जैन यात्रियों को पूजा अर्चना करने से रोका और प्रताड़ित किया है, उनके विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही हो।
वहीं इस आंदोलन को दिल्ली के बंगला साहिब गुरूद्वारा सिख प्रबंधक के चेयरमैन परम सिंह चंडोक ने भी समर्थन देते हुए कहा कि ‘‘इस धार्मिक मामले में सिख समाज उनके साथ है।
आंदोलन में हरियाणा के राकेश जैन ने आह्वान करते हुए कहा कि ‘‘सरकार गिरनार सुरक्षित करें। जैन समाज अहिंसा का समर्थक है लेकिन अगर उनके धार्मिक आस्था पर चोट पहुंचती है तो इसका खामियाजा सरकार को भुगतना होगा। चुनाव नजदीक है और इसका खामियाजा आगामी चुनावों में सरकार को भुगतना पड़ सकता है।
आंदोलन से जुड़े गायक रूपक जैन ने केंद्र और राज्य सरकार ने कहा कि इस मुद्दे पर सभी जैन समाज एक है। विधान सभा और लोक सभा चुनाव नजदीक है। इसलिए जल्द ही इस पर सरकार निर्णय लें।
आचार्य सौभाग्य सागरजी महाराज एवं श्री सौरव सैन भट्टारक तिजारा तथा देविंदर भाई जी मुंबई आदि संतों के साथ साथ देश भर के संगठनों ने भी गिरनार बचाओ आंदोलन में अपनी आवाज़ बुलंद की।