नितिन उपाध्याय/रवि..जम्मू कश्मीर में बने हिंसक हालातों के बीच कांग्रेस के दो बड़े नेताओं के बयानों को लेकर पार्टी फंसती नजर आ रही है।पहले सैफुद्दीन सोज के आजाद कश्मीर वाले बयान और अब राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के बयान पर हंगामा मच गया है। नबी ने अपने बयान में कहा कि हाल ही में चल रहे सेना के अॉपरेशन अॉलआउट में आतंकवादी कम स्थानीय नागरिक ज्यादा मारे जा रहे है।
गुलाम नबी आजाद के बयान को सही बताते हुए लश्कर-ए-तयैब्बा के प्रवक्ता अबदुल्ला गजनवी ने कहा कि भारतीय सेना द्वारा कश्मीरियों को तड़पाया जाता है और उनका दमन किया जाता है।
लश्कर ने कहा कि भारतीय सेना पिछले 7 दशकों से कश्मीर में कश्मीरियों का दमन कर रही है और ईद और जुमे की नमाज अदा नहीं करने देती है।उन्होंने भारतीय सेना पर आरोप लगाते हुए कहा कि सेना द्वारा कश्मीरियों की सोच को दबाया जा रहा है।केन्द्र का एक खास तरह एजेंडा फेल हो रहा है।बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि लश्कर के बयान का कांग्रेस द्वारा समर्थन किया जाना बेहद ही शर्मनाक है।यह अत्यंत निंदनीय है।
आपकों बता दें कि कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने एक टीवी में दिए गए साक्षात्कार में कहा था कि केन्द्र सरकार की दमनकारी नीतियों का सबसे ज्यादा नुकसान आम नागरिकों को हो रहा है, एक आंतकवादी को मारने के लिए करीब 13 नागरिकों को बलि चढ़ाना पड़ता है।गुलाम ने कहा कि मौजूदा मोदी सरकार बातचीत पर कम कार्रवाई पर ज्यादा ध्यान देती है।मोदी सरकार बातचीत कर घाटी का समाधान नहीं निकालना चाहती।हाल ही में चलाया जा रहा अॉपरेशन अॉलआउट से साफ हो जाता है कि मोदी सरकार एक बड़े नरसंहार की योजना बना रहा है।