रिपोर्ट- विवेक राजपूत झाँसी
झाँसी : कृषि विधेयक वापस लेने के लिए अब देश के हर कोने में आवाज उठने लगी है. अब किसान समझने लगा है की जो भी कोरोना काल में तीन कृषि विधेयक सरकार ने पास करा दिए थे. वह तीनो के तीनो किसानों और पूरी जनता के घोर विरोधी हैं. भंडारण से कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा कांटेक्ट खेती किसानों को गुलाम बनाने वाली यह कृषि नीति किसान और उससे जुड़े सभी लोगों को गुलामी की तरफ ले जाने वाली है और आम आदमी को भी नुकसान पहुंचाने वाली है.
ऐसी कृषि नीति को तुरंत रद्द किया जाए केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय संपत्तियों को निजी क्षेत्रों की कंपनियों उद्योगपतियों को कौड़ियों के दाम बेचा जा रहा है इससे देश को अपूरणीय क्षति होगी इसे तत्काल रोका जाए l पेट्रोल डीजल पर लगाया टेक्स् सरकार कम करें जिससे पेट्रोल डीजल सस्ता हो सके सरकार नई शिक्षा नीति की आड़ में देश के पिछड़े और दलित किसान मजदूर और अल्पसंख्यकों को शिक्षा से वंचित करना चाहती है उन्हें पुनः देश की चली आ रही वर्ण व्यवस्था की तरफ ले जाने वाली है जन अधिकार पार्टी एवं भागीदारी संकल्प मोर्चा नई शिक्षा नीति का पुरजोर विरोध करती है.
ऐसे कानूनों को जो शिक्षा से वंचित करता है उसे तुरंत वापस लिया जाए l इस प्रकार से वक्ताओं ने अपने अपने वक्तव्य में उपरोक्त विचार रखें मौके पर उपस्थित रहे आर डी फौजी, इंजीनियर बिहारी लाल हीरालाल, बृजेंद्र कुशवाहा, आशा लता ,उर्मिला देवी, मधु कुशवाहा, जिलाअध्यक्ष देशराज कुशवाहा, आशीष कुशवाहा,सुरेश कुशवाहा, एडवोकेट महेश वर्मा, एडवोकेट सबा खान, जिला प्रभारी मुन्नी , शांति , भगवती महासचिव, मीना गुप्ता संगठन मंत्री लेफ्टिनेंट जनक सिंह पीडी कुशवाहा, भगवान सिंह प्रोफेसर, आर एस कुशवाहा, चंद्र शेखर कुशवाहा, जिला सलाहकार हेमलता कुशवाहा ,बुंदेलखंड प्रभारी प्रिया चतुर्वेदी ,डॉक्टर ज्ञानेंद्र पांचाल कैलाश नारायण ,इंद्रपाल कुशवाहा, फौजी महेंद्र कुशवाहा ,भरत कुशवाहा, अनुराग पंकज कुशवाहा आदि उपस्थित रहे l