रिपोर्ट- विवेक राजपूत झाँसी
झाँसी किसानों के समर्थन में उतरी जन अधिकार पार्टी तीनों काले कानून किसानों के विरोधी और जन विरोधी हैं इसके लिए जन अधिकार पार्टी का 32 वां हफ्ता जारी, धरना प्रदर्शन और ज्ञापन जिला में जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से महामहिम राज्यपाल महोदय एवं राष्ट्रपति महोदय को दिया गया जिसमें वक्ताओं ने बताया कि जो किसान आंदोलन कर रहे हैं उसका जन अधिकार पार्टी पूरी तरह से समर्थन करती है और तीनों कृषि विधेयक जब तक वापस नहीं लिए जाते हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून का दर्जा नहीं दिया जाता है तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा किसानों पर हो रहे अत्याचार यह बिल्कुल सहन नहीं करेंगे।
जब किसी देश का अन्नदाता सड़क पर हो तो सरकार को नींद नहीं आनी चाहिए लेकिन सरकार तो चैन की बंसी बजा रही है और वह कार्य कर रही है जिससे किसान बंधुआ मजदूर बन कर रहे जाएं सरकार कीनीति और नियत में खोट जरूर है तभी तो 11 दौर की बात होने के बावजूद भी कोई निर्णय पर नहीं पहुंची ऐसी कौन सी आफत आ जाएगी यदि तीनों कृषि विधेयक वापस ले लिए जाएं जब किसानों के हित में है ही नहीं और किसान पसंद भी नहीं कर रहे तो जबरदस्ती ऐसे विधेयक जल्दबाजी में पारित कराना कहां का न्याय है इसके पीछे कुछ न कुछ तो गड़बड़ हैl
इसी तरह से नई शिक्षा नीति व श्रमनीति की खामियां व प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियां डीजल पेट्रोल की बढ़ती कीमतों का मामला हो पिछड़े वर्ग का आरक्षण समाप्त किए जाने एवं क्रीमी लेयर व्यवस्था लागू करने के विरुद्ध भागीदारी संकल्प मोर्चा के आह्वान पर जन अधिकार पार्टी द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन की तरफ ले जाना चाहता हूं प्रदेश में चारों तरफ पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों ,के ऊपर हर रोज हत्या ,लूट, बलात्कार और आगजनी की घटनाएं हो रही हैं जिनमें से तमाम घटनाओं को भागीदारी संकल्प मोर्चा ने सरकार के समक्ष रखा किंतु ऐसा लगता है कि प्रदेश सरकार का प्रशासन पर नियंत्रण बिल्कुल खत्म हो गया चारों तरफ त्राहि-त्राहि मचा हुआ है डीजल पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं संविधान एवं विधि द्वारा प्रदत्त आरक्षण व्यवस्था तार-तार हो रही है मेडिकल प्रवेश में आरक्षण समाप्त कर दिया गया है पिछले वर्ष के छात्रों की छात्रवृत्ति खत्म कर दी गई है किसानों को बंधुआ मजदूर बनाया जा रहा है किंतु सरकार कुछ भी सुनने समझने मानने और अवांछित तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार नहीं है इस संबंध में जन अधिकार पार्टी एवं भागीदारी संकल्प मोर्चा द्वारा पिछले 1 जून से 7 जून तक लगातार धरना प्रदर्शन किया गया और उसके बाद भी लगातार प्रत्येक सोमवार को प्रदर्शन किया जा रहा है आज धरना प्रदर्शन का 32 वां सोमवार है और प्रत्येक सोमवार को महामहिम को ज्ञापन भी भेजा जा रहा है किंतु शासन प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है एक स्वस्थ लोकतंत्र में जनता की आवाज कि इस तरह की अनदेखी अच्छी नहीं है भागीदारी संकल्प मोर्चा आपसे अनुरोध करता है कि उसकी मांगो को जरूर माना जाए यह सारी बातें पार्टी के वक्ताओं ने धरना प्रदर्शन के दौरान कहीं जन अधिकार पार्टी के जिला अध्यक्ष ने जोर देते हुए कहा कि कुशवाहा समाज पर हो रहा उत्पीड़न अब बर्दाश्त से बाहर है चाहे वह नत्थू कुशवाहा के ऊपर किया जा रहा हो या फिर वीरेंद्र सिंह उर्फ वीरू पूर्व पार्षद के ऊपर हो रहे अन्याय अत्याचार को अब हम बर्दाश्त नहीं करेंगे क्योंकि ऐसा लगता है की सरकार ने यह ठान रखी है कि कुशवाहा को ही टारगेट करना हैजबकि उससे बड़े-बड़े मगरमच्छ बैठे हुए हैं और बड़े बड़े कारनामे कर रहे उनको अनदेखी कर रहे और कुशवाहा के ऊपर गलत मुकदमा लगा करके उनको जेल में डाला जा रहा है मैं चाहता हूं की उचित जांच करा कर के ही जब दोष सिद्ध हो जाए तभी उसको दोषी दोषी माना जाए हम न्याय के साथ हैं लेकिन निर्दोषों के ऊपर अगर कोई अत्याचार अन्याय होगा तो हम लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे .
मौके पर उपस्थित रहे
प्रोफ़ेसर आर एस ,भगवान सिंह ,पीडी कुशवाहा ,महावीर सिंह ,मुरारी लाल, मधु कुशवाहा, उर्मिला, आशा लता, ज्योति ,ममता ,कुंती कुशवाहा, पुरुषोत्तम ,मुकेश पाल ,बृजेंद्र ,कैलाश नारायण, इंजीनियर बिहारी लाल, इंजीनियर मलखान सिंह, शिवकुमार ,डॉ ज्ञानेंद्र पांचाल, वीरेंद्र बरुआसागर, हीरालाल शंकरगढ़ ,सतीश सातारा ,दिनेश कारगोवा, मातादीन फौजी ,खूबचंद, कृष्णा कुमार ,मानसिंह भोला राजपूत ,करण बड़ागांव ,महेंद्र कुशवाहा बरुआसागर ,भरत कुशवाहा झांसी ,किशोरी लाल ,चतुर्भुज शंकरगढ़, राघवेंद्र ,वीरेंद्र ,हीरालाल शंकरगढ़ आदि सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।