नैनीताल। कार्बेट पार्क व राजाजी नेशनल पार्क से वन गूर्जरों को हटाने व अन्य संबद्ध प्रकरणों में गलत शपथ पत्र पेश कर कोर्ट को गुमराह करने के मामले में अपर मुख्य सचिव रणवीर सिंह ने अदालत से माफी मांगी। इस आधार पर हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को 16 अगस्त को पुनः नया शपथ पत्र पेश करने का अवसर प्रदान किया है। दो घंटे चली सुनवाई के दौरान अपन मुख्य सचिव समेत मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक कोर्ट के सवालों पर निरूत्तर रहे। इसके साथ ही अपर मुख्य सचिव ने कोर्ट को यह भी आश्वासन दिया कि वह स्पेशल टाइगर प्रोटेकशन फोर्स के संबंध में मुख्यमंत्री व वन मंत्री के समक्ष एक प्रस्ताव पेश करेंगे। हाईकोर्ट ने वन विभाग के अधिकारियों के प्रति टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रीय पार्कों में बड़ी संख्या में वन्य जीवों की मौत हो रही है, किन्तु वन विभाग के अधिकारियो में अतिक्रमणकारियेां के प्रति संवेदना है लेकिन निरीह वन्य प्राणियों के प्रति करूणा नहीं है?
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ में रामनगर की हिमायलन युवा ग्रामीण संस्था की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने उन रिसाॅटर्स मालिकों के खिलाफ 24 घंटे के अंदर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये हैं जिन्होंने हाथी पाल रखे थे और इन हाथियों के साथ क्रूर व्यवहार किया जा रहा था।
खंडपीठ ने इन हाथियों को उचित देखरेख करने के निर्देश देते हुए उनके स्वस्थ होने के बाद ही उन्हें जंगलों में छोड़ने के निर्देश दिये हैं। कोर्ट ने सरकार से कार्बेट के बफर जोन में रह रहे 57 वन गूर्जर परिवारों को विस्थापित करने की समय सीमा भी बताने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि ये गूर्जर जबर्दस्ती कब्जा करके रह रहे हैं इसलिये इन्हें विस्तापित करने की क्या आवश्यकता है। क्यों नहीं दो माह का नोटिस देकर उन्हें हटाया नहीं जाता?
खंडपीठ ने 2014 में स्पेशल टाइगर फोर्स के गठन के बाद भी अब तक इस फोर्स की तैनाती नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि यह फोर्स कब तक अस्तित्व में आ जायेगी। खंडपीठ ने नेशनल बाघ संरक्षण प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव जनवरी 2017 में भेजे जाने के बाद भी अब तक इस प्रस्ताव पर कोई कार्यवाही न होने व इस प्रस्ताव को अब तक शिवालिक वन प्रभाग के वन संरक्षक राहुल को 16 अगस्त को कोर्ट में तलब किया है। कोर्ट ने यह भी वन्य जीवों की हत्या करने वाले आरोपियों के खिलाफ चल रहे वादों का निस्तारण छह माह के करने के निर्देश निचली अदालतों को देते हुए उसकी प्रगति रिपोर्ट हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को देने को कहा है।
खंडपीठ ने इस जनहित याचिका में केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय व सड़क मंत्रालय को पक्षकार बनाने के निर्देश दिये हैं तथा रेलवे से हाथी कोरिडोर क्षेत्र में रेल ट्रेकों पर अंडर पाथ बनाने व रेल की गति 25 किमी प्रतिघंटा से अधिक नहीं करने को कहा है।न्यायालय ने सरकार को नेशनल पार्कों में कैमरा टैप लगाने की जिम्मेदारी वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया को दी है।