केजरीवाल सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग को बढ़ावा देने के लिए गाइड बुक लॉन्च करने वाली पहली राज्य सरकार बनी

*- डीडीसी ने डब्ल्यूआरआई इंडिया के सहयोग से ‘दिल्ली में कॉरपोरेट्स के लिए वर्कप्लेस ईवी चार्जिंग गाइडबुक’ लॉन्च की, कार्यस्थल पर इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग प्वाइंट बनाने में मदद करेगी*

*- रिसर्च से पता चलता है कि 90 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन घर या ऑफिस में चार्ज किए जाते हैं, यह गाइडबुक कार्यस्थल पर चार्जिंग प्वाइंट बनाने के लिए प्रभावी निर्णय लेने की जानकारी देती है, इसका उद्देश्य कॉरपोरेट्स को इलेक्ट्रिक व्हीकल आंदोलन का एक अभिन्न अंग बनाना है- जस्मिन शाह*

*- इलेक्ट्रिक वाहन, परिवहन से होने वाले प्रदूषण को कम करने के साथ स्वच्छ हवा में योगदान करेंगे- डॉ ओपी अग्रवाल*

दिल्ली के डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसी) ने वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई इंडिया) के सहयोग से आज ‘दिल्ली में कॉरपोरेट्स के लिए वर्कप्लेस इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग गाइडबुक’ लॉन्च की है। इसके बाद दिल्ली सरकार देश की पहली राज्य सरकार बन गई है, जिसने कंपनियों को ऑफिस में इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्वाइंट बनाने में मदद करने के लिए चरणबद्ध गाइड बुक लॉन्च की है।

डीडीसी दिल्ली के उपाध्यक्ष जस्मीन शाह, डब्ल्यूआरआई इंडिया के सीईओ डॉ. ओपी अग्रवाल, डब्ल्यूआरआई इंडिया के कार्यकारी निदेशक अमित भट्ट सहित उद्योग जगत के अन्य लोगों की मौजूदगी में गाइडबुक लॉन्च की गई। इस गाइडबुक के माध्यम से, दिल्ली सरकार ऑफिस में चार्जिंग प्वाइंट बनवाकर कॉर्पोरेट्स को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है।

इस दौरान भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया, नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज सहित उद्योग जगत के विभिन्न लोगों और सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एसएमईवी) ने दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद, ऑफिस में चार्जिंग प्वाइंट की स्थापना और उनके प्रबंधन के तरीकों पर चर्चा की।

डीडीसी दिल्ली के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली ईवी नीति की अगस्त 2020 में घोषणा के बाद से कई सवाल पूछे जा रहे थे। मैं आज बेहद उत्साहित हूं कि सवालों के जवाब देने के लिए एक बहुत ही व्यावहारिक गाइडबुक लॉन्च कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण से जुड़ी आपात स्थितियों को देखते हुए बेहद महत्वाकांक्षी निर्णय लिया गया है। दिल्ली की ईवी नीति के जरिए 2024 तक दिल्ली में कुल वाहन पंजीकरणों में 25 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य तय किया गया है। जबकि उस समय नए वाहन पंजीकरण में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 1.2‌ फीसदी थी।

उन्होंने कहा दिल्ली सरकार के थिंक टैंक के रूप में डीडीसी ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति के निर्माण की प्रक्रिया में ‌काफी करीब से काम किया है। इसके अलावा विभिन्न सहयोगियों के साथ मिलकर काम किया है, ताकि सीएम के दृष्टिकोण को पूरा कर सकें। ईवी नीति की घोषणा के बाद से ही दिल्ली सरकार का प्रयास इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को लेकर चिंताओं, बाधाओं और चुनौतियों को समझने का रहा है। केजरीवाल सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के एक सप्ताह के भीतर सब्सिडी बैंक खाते में सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया की स्थापना की। अभी तक दस हजार से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को दिल्ली सरकार से सब्सिडी मिली है। 

‘स्विच दिल्ली’ अभियान के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को जन आंदोलन बनाने के लिए विभिन्न समूहों के साथ काम किया है। दिल्ली में देश में सबसे सस्ता ईवी टैरिफ है। वर्तमान  में 380 से अधिक सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट दिल्ली में उपलब्ध हैं। अगले 6 महीनों के भीतर 500 और चार्जिंग पॉइंट बन जाएंगे।

गाइडबुक की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि 

रिसर्च से पता चलता है कि 90 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन घर या ऑफिस में चार्ज किए जाते हैं। यह गाइडबुक कार्यस्थल पर चार्जिंग प्वाइंट बनाने के लिए प्रभावी निर्णय लेने की जानकारी देती है। इसका उद्देश्य कॉरपोरेट्स को इलेक्ट्रिक व्हीकल आंदोलन का एक अभिन्न अंग बनाना है। 

डब्ल्यूआरआई इंडिया के सीईओ डॉ ओपी अग्रवाल ने कहा कि हाल ही में हुई सीओपी26 ने परिवहन क्षेत्र से उत्सर्जन को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया है। इलेक्ट्रिक वाहन, परिवहन से होने वाले प्रदूषण को कम करने के साथ स्वच्छ हवा में योगदान करेेंगे। 

डब्ल्यूआरआई इंडिया के कार्यकारी निदेशक (एकीकृत परिवहन), अमित भट्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार की ईवी नीति देश की राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक बहुत ही प्रगतिशील कदम है। सरकार शून्य-उत्सर्जन भविष्य की ओर बढ़ने के लिए कई काम भी कर रही है। यह समय है कि निजी क्षेत्र और नागरिक इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ाने में मदद करने के लिए एक साथ आएं। गाइडबुक का विमोचन उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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