प्रदेश भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्लीवासियों की चिंता छोड़ आज अरविंद केजरीवाल चुनावी पर्यटन में व्यस्त हैं उसके कारण दिल्ली का हर नागरिक एवं व्यापारी वर्ग परेशान है। एक तरफ अभी कोरोना की मार पहले ही झेल रहे व्यापारी वर्ग के ऊपर फिक्सड् चार्ज का बोझ केजरीवाल सरकार ने थोपा है। कोरोना में जिस तरह से व्यापारियों को प्रभावित किया है उसके बाद उन्हें फिक्सड् चार्ज की दोहरी मार छोटे-बड़े व्यापारियों पर भारी पड़ रहा है। इसलिए केजरीवाल से हमारी मांग है कि पिछले दो महीने का बिल माफ किया जाए और कोरोना काल में जो भी अतिरिक्त बिल लिया गया उसे वापस किया जाए।
श्री आदेश गुप्ता ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली सरकार पहले ही फिक्सड् चार्ज के माध्यम में अतिरिक्त वसूली कर रही है। पूरी दिल्ली में कुल बिजली की खपत 7500 मेगावाट है लेकिन सरकार 22700 मेगावाट की वसूली की है। पिछली बार फिक्सड् चार्ज के माध्यम से सरकार ने 150 करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली की थी लेकिन कोरोना की तैयारियों को लेकर कोई जिम्मेदारी नहीं है। चुनावी पर्यटन में व्यस्त आम आदमी पार्टी के नेता इतने मशगूल हैं कि दिल्ली में कोरोना की क्या स्थिति है यह उनके स्वास्थ्य मंत्री को पता तक नहीं है। ऐसे में यह कोरोना से बचने के लिए क्या उपाय करेंगे इसकी कल्पना मात्र से ही डर लगता है। उन्होंने कहा कि इस समय दिल्ली में और 11000 बसों की जरूरत है लेकिन केजरीवाल सरकार उसपर कोई ध्यान नहीं दे रही है। जिसका खामियाजा लोग बसों के घण्टों इंतज़ार करने के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर भुगत रहे हैं। इस मौके पर प्रदेश मीडिया प्रमुख श्री नवीन कुमार जिंदल, प्रदेश भाजपा सोशल मीडिया एवं आईटी प्रभारी श्री शहजाद पूनावाला, मीडिया सह-प्रमुख श्रीमती ममता काले भी मौजूद रहे।
श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने शराब की दुकानें खोलकर बाकी अन्य चीजें जैसे जिम, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट एवं ढ़ाबे बंद करके कोरोना की रोकथाम करने का फ़ैसला किया है। सिर्फ दुकानों को बंद करना और उसके आगे उन दुकानों पर निर्भर लोगों के लिए कोई रूप रेखा तैयार न करना कितना सही है? बड़े-बड़े पोस्टर लगाकर योग करने की बात करने वाले केजरीवाल आखिर जिम बन्द कर लोगों के बीच शराब परोस कर पूरे तंत्र को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। अगर शराब की दुकानें चल सकती हैं तो बाकी मॉल, रेस्टोरेंट इत्यादि चीजे भी 50 प्रतिशत की क्षमता पर चलाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि आज दिल्ली सरकार की गलत नीतियों के कारण युवा वर्ग के रोजगार तक छीन रहे हैं। अरविंद केजरीवाल के पास न किसी भी तरह का विजन है और ना ही किसी तरह का डायरेक्शन जिसके कारण दिल्ली की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती चली जा रही है। वे सिर्फ शराब परोसने और दिल्ली के युवाओं को नशे की लत में झोंकने पर तुले हुए हैं। दिल्ली की चिंता की जगह वे पंजाब, गोआ और उत्तराखंड में चुनावी पर्यटन में व्यस्त हैं। केजरीवाल को समझना चाहिए कि उनके लिए पहली प्राथमिकता दिल्ली और यहां के रहने वाले लोग हैं।
श्री गुप्ता ने कहा कि जिस तरह से पिछली बार कोरोना काल में केजरीवाल सरकार ने कहा था कि वो दिल्ली में रहने वाले वैसे किरायदार जो अपना किराया नहीं दे सकते उसे किराया देंगे लेकिन कोर्ट के तीन-तीन बार फटकार के बावजूद एक भी किसी व्यक्ति को दिल्ली के अंदर किराया नहीं मिला। ऐसे में एक बार फिर से दिल्ली के अंदर रेस्टोरेंट, ढाबा, बैंक्वेट एवं जिम से जुड़े लोग हैं जिनकी जीविका और कमाने का एकमात्र आधार है, उनके लिए केजरीवाल सरकार आगे क्या करेगी इसके बारे में स्पष्टीकरण दें।