निकिता सिंह: केजरीवाल सरकार पड़ोसी राज्यों से यमुना में आने वाले 155 एमजीडी दूषित पानी को अपने खर्चे पर साफ करने का निर्णय लिया है। साथ ही, केजरीवाल सरकार यमुना में अंतर-राज्यीय प्रदूषण को रोकने के लिए मास्टर-प्लान भी बना रही है। इसके अलावा, यमुना की सफाई दिल्ली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसके लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। दिल्ली के जल मंत्री एवं दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष श्री सत्येंद्र जैन ने यमुना में पड़ोसी राज्यों से होने वाले प्रदूषण को लेकर डीजेबी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान यह बातें कही।
मंत्री श्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यमुना में हरियाणा से 105 एमजीडी और उत्तर प्रदेश से 50 एमजीडी दूषित पानी आता है। जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यमुना किसी एक राज्य की नहीं, बल्कि पूरे देश की है और इसकी सफाई के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जो कुछ भी जरूरी होगा वह किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर डीजेबी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग प्राथमिकता के आधार पर यमुना की सफाई का कार्य कर रहा है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आने वाले नालों को या तो एसटीपी में जोड़कर या फिर इन-सीटू तकनीक के जरिये ट्रीट किया जाएगा। इस तरह साफ किए गए पानी को झीलों और जल निकायों के कायाकल्प, भूजल पुनर्भरण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा और बचा हुआ पानी यमुना नदी में छोड़ा जाएगा।
यमुना में हरियाणा के दो प्रमुख नालों से 105 एमजीडी दूषित पानी आता है। इसमें से, 90 एमजीडी दूषित पानी गुरुग्राम के रास्ते बादशाहपुर नाले से ड्रेन नंबर 6 से आता है। इसी तरह, उत्तर प्रदेश से 50 एमजीडी दूषित पानी दिल्ली के गाजीपुर नाले में गिरता है, जो यमुना नदी में मिल जाता है।
यमुना को साफ करना अरविंद केजरीवाल सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। दिल्ली सरकार इस पवित्र नदी को प्रदूषित करने वाले सभी स्रोतों को साफ करेगी। दिल्ली सरकार ने राजधानी की सीमाओं के अंदर यूपी और हरियाणा से आने वाले दूषित पानी को साफ करने का कार्य अपने जिम्मे लिया है। इस काम को दिल्ली सरकार द्वारा स्वयं के खर्चे पर किया जाएगा। इस पर श्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यमुना एक पवित्र नदी है। यह वह नदी है, जिसकी हम पूजा करते हैं। यमुना किसी एक राज्य की नहीं, बल्कि पूरे देश की है। यह नदी देश के हर नागरिक की है। जो राज्य यमुना को प्रदूषित कर रहे हैं, उन्हें भी इसे साफ करने के लिए कदम उठाने चाहिए। हमने लोगों से यमुना को 3 सालों में साफ करने का वादा किया है। इसीलिए हम यह अतिरिक्त जिम्मेदारी ले रहे हैं। दिल्ली सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगातार काम करेगी, भले ही दिल्ली सरकार को दूसरे राज्यों से आने वाले दूषित पानी को ही क्यों न साफ करना पड़े। दिल्ली के अंदर पहुंचने के बाद इस पानी को नालों में सफाई की जाएगी और इस पानी को भूजल पुनर्भरण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
श्री सत्येंद्र जैन ने कहा, “दूषित पानी एक संसाधन है, जो किसी भी शहर की पानी की समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकता है। दिल्ली जल बोर्ड ने इस दिशा में कुछ कदम उठाएं हैं। ड्रेन नंबर 6 लगभग 15 एमजीडी पानी ले जा रहा है, जिसके प्रवाह को बैराज के माध्यम से टैप किया गया है और नरेला एसटीपी की ओर मोड़ दिया गया है, जो वर्तमान में 10 एमजीडी की अपनी क्षमता के मुकाबले लगभग 12 एमजीडी दूषित पानी को साफ करता है। इसके अलावा, नरेला क्षेत्र की विभिन्न झीलों, जलाशयों, टैंकों और हरित क्षेत्रों में कायाकल्प और पुनर्भरण के लिए इस साफ किये गए पानी को ले जाने के लिए पाइपलाइन भी बिछाई जा रही है।
इसी तरह, कल्याणपुरी में स्थित गाजीपुर ड्रेन से दूषित पानी निकालने और कोंडली एसटीपी तक पहुंचाने के लिए बैराज का काम पूरा कर लिया गया है। 5-7 एमजीडी के प्रवाह को पहले ही मोड़ दिया गया है, जिसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 50 एमजीडी की अंतिम क्षमता तक पहुंचा दिया जाएगा। गाजीपुर नाले के पूरे गंदे पानी को टैप कर ट्रीट किया जाएगा। रीसायकल किये गए पानी को पूर्वी दिल्ली की झीलों और हरित क्षेत्रों की ओर मोड़ दिया जाएगा। साथ ही, बचे हुए साफ पानी को कायाकल्प और पुनर्भरण परियोजनाओं के लिए नालों में छोड़ा जाएगा। इस पहल से गंदे पानी से होने वाली दुर्गंध की समस्या से भी निजात मिलेगी और आसपास के क्षेत्रों के भूजल प्रदूषण की समस्या भी कम होगी।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग नजफगढ़ ड्रेन की कायाकल्प करने पर कार्य कर रहा है, जिसमें बादशाहपुर ड्रेन से आने वाले गंदे पानी को इन-सीटू ट्रीटमेंट दिया जाएगा। इसमें दूषित पानी को नाले के प्रवाह के दौरान ही साफ कर दिया जाएगा। दूषित पानी का उपचार फ्लोटिंग एरेटर और फ्लोटिंग वेटलैंड्स की मदद से किया जाएगा। पानी में ऑक्सीजन की मात्रा को भी बढ़ाया जाएगा और यह 04 मिलीग्राम प्रति लीटर से ऊपर रखी जाएगी। नजफगढ़ ड्रेन 57 किलोमीटर लम्बी है, जबकि बादशाहपुर ड्रेन के दूषित पानी की सफाई शुरुआती 4-5 किलोमीटर में ही कर दी जाएगी।
दिल्ली सरकार ने इन सभी नालों की सफाई के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए नई तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है। इन-सीटू तकनीक के साथ-साथ मौजूदा एसटीपी का उपयोग इन नालों को साफ करने के लिए किया जाएगा, जहां इन राज्यों का दूषित पानी दिल्ली के नालों में मिलेगा।