अगर इसी रफ़्तार से सरकार जनता का तेल निकलते रहेगी तो वो दिन ज़्यदा दूर नहीं जब पेट्रोल 150 और डीज़ल 140 से भी पार पहुंच जायेगा। 2022 के शुरआत के महीने में ये आकड़ा छू सकती हैं। नए साल में भी सरकार जनता का तेल निकलेगी। थोड़ी राहत बस 5 राज्य के चुनाव के दौरान मिल सकती हैं। लेकिन चुनाव के बाद फिरसे यही खेल शुरू हो जायेगा।
आपको जान कर हैरानी होगी कि साल 2014 के हिसाब से अगर आज की मोदी सरकार टैक्स लगाती हैं तो, आज पेट्रोल की कीमत 66 रूपये के आस पास होती न की 110 रूपये और डीज़ल 55 रूपये के आस पास होती न कि 100 रूपये।
अब समझते है टैक्स का गणित
साल 2014 में डीज़ल की कीमत डीलर कमीशन और सरकारों के टैक्स के बिना 45 रूपये लीटर थी। लेकिन 2014 में मोदी सरकार ने एक्साइज टैक्स में 8% से बढ़ा कर 35% कर दिया। जिसके बाद राज्य सरकारों का टैक्स यानि वैट इसी दौरान 12% से बढ़ कर 15% हो गया।
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने अक्टूबर 2021 में रिटेल की कीमतों से 42% ज़्यदा कमा कर दी हैं। जबकि टैक्स और डीलर कमीशन का शेयर 58% तक बढ़ गया। मोदी सरकार का टैक्स रिटेल प्राइस साल 2014 में 14% हुआ करता था। लेकिन साल 2021 में यह बढ़ कर सीधा 32% हो गया। जबकि राज्य सरकारों का टैक्स 2014 में 17% हुआ करता था, जो 2021 में बढ़ कर 23% हो गया हैं।
इस आकड़ो से साफ़ मालूम चलता है कि लूट मोदी सरकार ने मचा राखी है और बिल राज्य सरकारों पे फाड़ा जा रहा हैं। बिना सोचे समझे मोदी सरकार ने 2017 में जीएसटी लागू कर के राज्य सरकारों की कमाई पर तगड़ा हमला किया था। जिसके बाद से राज्य सरकारें की एक वक़्त तक टैक्स बढ़ाना जायज़ लग सकता है। लेकिन क्रूर और घमंड से चूर मोदी सरकार को महंगाई बढ़ने को कभी किसी चीज़ से नहीं आक़ा जा सकता हैं।
इसी अक्टूबर महीने में 7 रूपये पेट्रोल महंगा कर के मोदी सरकार ने दीपावली में जनता का दिवाला निकाला हैं।
महंगाई का आलम ये है कि, इस पूरे साल में अभी तक यानी 10 महीनों में पेट्रोल कुल 23 रूपये प्रति लीटर महंगा हो चूका हैं . आज 35 पैसो की बढ़ोतरी देखने को मिली हैं . लेकिन सवाल ये हैं कि, जैसे जैसे पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं वैसे आम लोगो की कमाई भी बढ़ रही हैं क्या ? जवाब हैं नहीं .
इस बेतहाशा मूल्यवृद्धि से देश का माध्यम वर्ग बुरी तरह प्रभावित हैं। तो गरीब वर्ग की बात करना ही रूह को कपा देने वाला हैं। बिना उनकी ज़िन्दगी देखे कोई अन्दाज़ार भी नहीं लगा सकता कि किस परस्थिति में वे अपना गुज़ारा कर रहे होंगे . लेकिन सरकार जैसे मानो कुम्भकरण से भी ज़्यदा लम्बी नींद में हैं। अपने ही देश के मेहनतकश लोगो के साथ सौतेला से भी बुरा व्हवहार कर रही हैं सरकार माई बाप। ऐसा नहीं हैं कि सिर्फ भारत में ही कच्चे तेल में हुई मूल्यवृद्धि का सामना कर रहा हैं। लेकिन गौर करने वाली बात हैं कि, अन्य देश अपनी जनता को राहत देने की भरपूर कोशिश कर रही हैं।
फ्रांस के उद्धरण से समझते हैं, फ्रांस में भी रिकॉर्ड तोड़ फ्यूल की कीमत बढ़ गयी, तो जनता में रोष न हो सरकार से भरोसा न उठ जाये इसलिए, फ्रांसीसी सरकार ने गरीब वर्ग के लोगो को 100 यूरो यानी 9 हज़ार रूपये महंगाई भत्ता देने का वादा किया हैं। फ्रांस सरकार के प्रवक्ता ने कहा, हम फ्रांसीसी लोगो का विशेष ध्यान रखते हैं, जो कड़ी मेहनत करते हैं इसलिए हम उन सभी लोगो को महंगाई भत्ता देने वाले हैं।
क्या ऐसी कोई भत्ता हम अपनी सरकार से उम्मीद कर सकते हैं ? ये तो वक़्त ही बातयेगा जब मोदी सरकार नींद से जागेगी तब।