आकाश रंजन : आप अपने पैरों के नीचे सूरज की गर्मी, हवा और घास के अलग-अलग पत्तो को महसूस करते हैं। किसी से गले मिलते है तो अलग महसूस होता है। धुप में बहार निकले तो अलग ठण्ड में निकले तो अलग, लगातार बदलते परिवेश में हम अलग अलग चीज़े महसूस करते है। लेकिन हम हर परिवेश में इतना अलग महसूस कैसे और क्यों करते है ? इन्ही सवालो का जवाब इन दो वैज्ञानिकों ने खोज निकला है। इस खोज के लिए इनदोनो वैज्ञानिकों को सबसे बड़ा सम्मान नोबल पुरस्कार मिला है। इन दोनो वैज्ञानिकों का नाम डेविड जुलियस और आर्डम पातातुतियन है।
इन दोनों वैज्ञानिकों ने साबित किया है कि, कैसे हमारा शरीर फिजिकल टच और सेंसेशन को इलेक्ट्रिक मैसेज के रूप में कन्वर्ट करता है। जिससे हम इतना सेंसेशनल महसूस करते है। इसके अलावा इस खोज में सबसे ख़ास बात यह है कि, पेंन किलर जैसी दर्द की दवाइयां बनाने और खास कर के दर्द की बीमारियों के इलाज में भी यह खोज काफी मददगार साबित होने वाला है। आसान भासा में समझे तो इस खोज के ज़रिए वैज्ञानिक हमारे शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाली दर्द की दवाई बना सकते है।
इंसान अपने आस पास की दुनिया को 5 इंद्रियों के माध्यम से देखता समझता और अनुभव करता है। ये 5 आंतरिक इंद्रियों के ही माध्यम से हम प्रकाश, ध्वनि, गंध और स्वाद के बारे में जागरूक होते है। लेकिन टच के माध्यम से हम कैसे महसूस करते हैं की कोई चीज़ गर्म है या ठंड, शरीर तनाव में है या नहीं। इस भावना की समझ वैज्ञानिकों को लंबे समय तक नहीं थी। जो इस खोज के बाद पूरी हो गयी है। नोबेल समिति के अनुसार इन दोनों वैज्ञानिकों ने एक रिसेप्टर की खोज की है। ये रिसेप्टर हमारे शरीर में हमारी टच को महसूस करता है। नोबेल समिति का कहना है कि यह कुछ ऐसा खोज है जिससे इंसान के अस्तित्व को समझने में बेहद ज़रूरी है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में स्वतंत्र रूप से काम कर रहे यह दोनों वैज्ञानिक डेविड जूलियस और अर्डेम पटापाउटियन ने 1990 के दशक के अंत से ही हमारे शरीर में टच डिटेक्टरों का पता लगाने की कोशिश कर रहे थे। इसके परिणाम स्वरुप नोबेल समिति ने 66 वर्षीय जूलियस और 54 वर्षीय पटापाउटियन को सोमवार को फिजियोलॉजी में 2021 के नोबेल पुरस्कार का विजेता घोषित किया गया है।
इससे पहले नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन को हमेशा गोपनीय रखा जाता है। लेकिन इस वर्ष के पुरस्कार के बारे में काफी चर्चा थी। उन वैज्ञानिकों को दिए जाने की संभावना थी जिन्होंने घातक महामारी से लड़ने के लिए कोविड -19 टीके की खोज की थी। हालांकि दो शोध शिक्षाविदों ने जीव विज्ञान में सबसे बड़े प्रश्नों में से एक को हल करने के लिए पुरस्कार जीता है।