Lakhimpur Kheri: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को घटना के गवाहों को सुरक्षा देने का दिया निर्देश, इस दिन होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को लखीमपुर खीरी में हुए हिंसा को लेकर सुनवाई की. इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार के वकील हरीश साल्वे ने जवाब दायर करते हुए बताया कि हिंसा में मारे गए ड्राइवर और पत्रकार की मौत से संबंधित सबूतों को जुटाना काफी मुश्किल है. वहीं, उच्चतम न्यायालय ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को आदेश दिया है कि वो लखीमपुर खीरी हिंसा के गवाहों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतज़ाम करे. इस मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी।

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया क्षेत्र में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा की सुनवाई का था. इस बीच कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश भी दिया कि वो तिकुनिया हिंसा में मारे गए आठ लोगों के मामले में गवाहों की सेक्शन 164 में बयान दर्ज कराए. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है यदि गवाहों का बयान दर्ज करने में मजिस्ट्रेट की उपलब्धता में समस्या आती है तो उस जिला के न्यायाधीश व्यवस्था करेंगे।

इसके अलावा कोर्ट ने सरकारी वकील हरीश साल्वे से कहा है आश्चर्य की बात है कि इतनी बड़ी हिंसा के हजारों गवाह होने के बाद भी राज्य सरकार को मात्र 23 गवाह मिले हैं. उन्होंने इसके साथ राज्य सरकार को हिंसा के संबंधित गवाहों की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था करनी होगी. कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा है हिंसा के दौरान एक पत्रकार की मॉब लिंचिंग के मामले में राज्य को अलग से जवाब दाखिल करना चाहिए।

News Reporter
पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
error: Content is protected !!