लखनऊ। उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचायत चुनावों में कुछ जगहों पर हुई हिंसा को काफी गंभीरता से लिया है। उन्होंने सुबह ही लखीमपुर मामले में सीओ,एसओ,तीन सब इंस्पेक्टर को निलंबित करने के निर्देश दे दिए थे। इसके अलावा उन्होंने आरोपी के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत और रासुका लगाने के भी निर्देश दिए हैं। आरोपी निर्दलीय प्रत्याशी का समर्थक है, न कि भाजपा का समर्थक।
यह बातें उन्होंने आज अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों में पहले की सरकारों की जोर जबरजस्ती जगजाहिर है। पिछली सरकार में ऐसा कोई चुनाव नहीं हुआ था, जिसमें लोगों की जानें नहीं गईं। विपक्ष की हिंसा की आदत अभी गई नहीं है और वह पंचायत चुनाव में अराजकता की हदें पार कर करना चाह रहे हैं और जब उनकी मनमानी नहीं हो पा रही है, तब कानून व्यवस्था संभाल रहे -प्रशासन के अधिकारियों पर आरोप लगा रहे हैं। विपक्ष के ही एक एमएलसी का वीडियो वायरल हो रहा, जिसमें वह खुद अपनी पार्टी की गुंडई को सर्टिफाइड कर रहे हैं।
अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य कर रही है। प्रदेश में किसी को भी अराजकता फैलाने की छूट नहीं दी गई है, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो। उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने सुबह ही उच्चाधिकारियों की बैठक में ब्लॉक प्रमुख निर्वाचन प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि किसी भी दशा में माहौल खराब करने की एक भी कोशिश स्वीकार नहीं की जाएगी।
अपराधियों को संरक्षण देने के बजाय भेजा जाता है जेल
उन्होंने कहा कि पिछले सवा चार साल में प्रदेश में जितने भी चुनाव हुए हैं, वह पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि लोगों ने विपक्ष की पहले की सरकारों में गुंडई की चरम सीमा को देखा है। सत्ता से दूर जाने के बाद भी आज भी विपक्ष के कुछ लोग अपनी कार्यप्रणाली में परिवर्तन नहीं कर रहे है। विपक्ष को यह समझना चाहिए कि यह भाजपा सरकार है, जिसमें अराजकता, गुंडई और अपराधियों को संरक्षण देने के बजाय जेल की सलाखों में भेज दिया जाता है।