नीरज कुमार/ पीलीभीत में शनिवार को सैकडों वकील डीएम के विरोध में सड़कों पर आ गए। वकीलों ने डीएम की उपस्तिथि में उनके कार्यालय के बाहर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। वकीलों का आरोप है कि जिलाधिकारी डा0 अखिलेश कुमार मिश्र जबसे पीलीभीत में आये हैं उन्होने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। वकीलो ने लंबे समय से उनकी कोर्ट का बहिष्कार कर रखा है। सभी का ये भी आरोप है कि गोमती के नाम पर भी जिलाधिकारी ने घोटाले किये है।
पीलीभीत में अधिवक्ताओं की तीन एसोसिएशन है। सभी ने ही पिछले पाँच दिनों से जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय का बहिष्कार कर रखा है। वकीलों का आरोप है कि जिलाधिकारी अखिलेश कुमार एक भ्रष्ट अधिकारी है। जबसे वो जनपद में आये तभी से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। जिलाधिकारी खुद तो भ्रष्टाचारी हैं ही उन्होने अपने कुछ चहेतों को भी साथ लगा रखा है। कुछ स्थानीय तथाकथित लोग भी उनकी नाक के बाल बने रहते है। यही लोग उनके नाम पर दलाली करते हैं। जिलाधिकारी ने गोमती उद्गम स्थल के नवीनिकरण और सौंदर्यकरण के नाम पर भी काफी घोटाले किये है, उन्होने यहॉ एक ट्रस्ट बनाकर जनता को लूटने का अड्डा बना रखा है। ऐसे ही कई आरोपों के साथ जिलेभर के सैकडों वकीलों ने अपना विरोध ज़ाहिर किया। वकीलों ने आज जिलाधिकारी के खिलाफ ‘‘जिलाधिकारी मुर्दाबाद’’ ‘‘जिलाधिकारी होश में आओ’’ ‘‘भ्रष्टाचारी जिलाधिकारी मुर्दाबाद’’ जैसे नारे लगाये। वकीलों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सपा-बसपा के नेताओं की तो शिकायत सुनेंगे नहीं लेकिन इस बार जिले के सभी वकीलों की मांग है कि यहॉ पीलीभीत के भ्रष्ट जिलाधिकारी को हटाया जाये, नही तो उनका यह प्रदर्शन आंदोलन के रूप में सामने आयेगा। इस पूरे विरोध प्रदर्शन के दौरान जिलाधिकारी डा0 अखिलेश कुमार मिश्र अपने कार्यालय के अंदर बैठे रहे और वकील बाहर अपना प्रदर्शन करते रहे।