गोंडा(उत्तर प्रदेश)एक तरफ तो रेलवे प्रशासन संरक्षा व सुरक्षा के प्रति सजग रहने के लाख प्रयन्त कर रही है और रंनिग कर्मचारियों के डयूटी के दौरान हर सुविधा मुहैया कराने का दावा कर रही है।वही दूसरी तरफ रेलवे चिकित्सालय के चिकित्सकोँ की संवेदनहीनता के चलते कमचारियो और डाक्टरो के बीच इलाज मे लापरवाही को लेकर नोकझोक होता रहता है।बृहस्पतिवार को डीजल शेड में बनारस डिवीजन के लोकोपायलट पप्पू कुमार सिंह की डयूटी के दौरान कैम्पस में वेहोश होकर गिर गये। लोको पायलट को जमीन पर गिरते देख साथी कमचारी मौके पर पहुचकर देखा तो उसकी हालत बिगडती जा रही थी।तबियत खराब होने की सूचना डीएमई व रेलवे अस्पताल को दी गयी उसके बाद भी एम्बुलेंस नहीं पहुचा तो साथी लोकोपायलटो ने उसे मोटरसाइकिल से रेलवे चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जबकि बीती रात गोरखपुर से मालगाड़ी लेकर यहां आये लोकोपायलट विजय प्रताप यादव की भी तबियत खराब हो गयी जिसका इलाज चल रहा है। एम्बूलेंस ना पहुचने और इलाज मे लापरवाही को लेकर साथी लोकोपायलट आक्रोशित थे।
लोकोपायलट की तबियत खराब होने के बाद बार फोन करने के बाद रेलवेचिकित्सा लय का एम्बूलेंस नहीं पहुचने पर सैकडो की संख्या मे रनिग कर्मचारियों ने पहुचकर एम्बुलेंस ना पहुचने को लेकर डा. दीपक मोर से एम्बुलेंस के बिषय में जानकारी लेने के लिए अडे रहे। भीड़ बढते देख श्री मोर ने कर्मचारियों से बताया कि सुबह का समय है,हो सकता है शौच आदि करने गया हो इसीलिए नहीं पहुचा खैर हमे पहले मरीज का इलाज करने दीजिए।आपलोग शांत रहिए हम उसका इलाज अच्छे से कर रहे है।इसके बाद भी लोकोपायलटो का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा था।मौके पर सीनियर डीएमई ने पहुचकर लोकोपायलटो को शांत कराया ।तब जाकर सभी कर्मचारी अपने डयूटी पर गये।
-पंकज भारती की रिपोर्ट