कारगिल युद्ध के अमर नायकों की प्रथम पंक्ति में अमर बलिदानी मेजर विवेक गुप्ता का नाम बड़े ही आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है। युद्ध के दौरान मेजर विवेक गुप्ता ने जिस तरह अदम्य साहस का परिचय दिया उसकी चर्चा युगों-युगों तक की जाएगी।
ऑपरेशन विजय 12 जून 1999
कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मन ने सामरिक द्ष्टि से सबसे अहम चोटी तोलोलिंग पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना के सामने इस चोटी को दुश्मन के कब्जे से मुक्त कराने का पहला लक्ष्य था। 12 जून 1999 को मेजर विवेक गुप्ता ने तोलोलिंग चोटी को पाकिस्तानी घुसपैठियों से मुक्त कराने के दौरान जो जांबाजी दिखाई, उससे दुश्मन के दांत खट्टे हो गए। कमान अधिकारी ने मेजर विवेक गुप्ता को तोलोलिंग पहाड़ियों से पाकिस्तानी घुसपैठियों को बाहर करने और वहां पर दुबारा अधिकार करने का आदेश दिया। सैन्य नजरिए से यह काम बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण था, लेकिन मेजर विवेक गुप्ता और उनके साथियों ने इसे सहर्ष स्वीकार किया। अभूतपूर्व साहस और जांबाजी दिखाते हुए उस पहाड़ी से घुसपैठियों को भागने पर मजबूर कर दिया।
पाकिस्तान के लिए खौफ का दूसरा नाम था मेजर विवेक गुप्ता 2 राजपुताना राइफल्स के मेजर विवेक गुप्ता के नेतृत्व में 12 जून की रात को तोलोलिंग चोटी पर विजय करने के लिए कंपनी रवाना हुईं। मेजर विवेक का अपने दुश्मनों से आमना-सामना हुआ। ऊंचाई पर बैठे दुश्मन ने हमला किया, जिसमें मेजर गुप्ता को दो गोलियां लगीं, लेकिन घायल हालत में मेजर गुप्ता ने तीन दुश्मनों को ढेर कर बंकर पर कब्जा कर लिया। इसके बाद मेजर विवेक गुप्ता ने वहां पर
तिरंगा लहराया। 13 जून को इस बेहद चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को हासिल कर लिया। मेजर गुप्ता गंभीर रुप से घायल होने के बाद भी वो अंतिम सांस तक दुश्मनों से लोहा लेते रहे। उनके सैन्य कैशल के चलते कई दुश्मन मारे गए और बड़ा क्षेत्र भारतीय सेना के कब्जे में आ गया।
जिसकी शहादत पर रोया था देश, कपिल देव ने बंद करने को कहा था भारत-पाक मैच साल 1999 में भारत-पाकिस्ता न के बीच कारगिल युद्ध चल रहा था। उन्हीं दिनों क्रिकेट वर्ल्ड कप चल रहा था। समाचार-पत्रों और टेलीविजन पर जब कारगिल युद्ध के मैदान में शहीद हुए देश के वीर-सपूतों की बहादुरी की ख़बरें आतीं तो लोग भावुक हो जाते और आंसुओं का सैलाब आ जाता। देश की आम जनता के साथ-साथ फिल्मी कलाकारों और क्रिकेटरों में भी शहीदों को लेकर भावनाएं उमड़ रहीं थीं। इसी दौरान समाचार पत्रों में एक ऐसी तस्वीर छपी जिसको देखने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव अपने आंसुओं को नहीं रोक पाए। वो तस्वीर थी मेजर विवेक गुप्ता के शहादत की।
कपिल देव को पाकिस्तान की इस हरकत पर ऐसा गुस्सा आया कि उन्होंने भारत सरकार से कहा कि बहुत हुआ अब बंद करो पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना, नहीं चाहिए हमें पाकिस्तान से खेल की
कमाई।
पूरी दिल्ली ने नम आंखों से दी मेजर विवेक गुप्ता को अंतिम विदाई
मेजर विवक गुप्ता का जब पार्थिव शरीर दिल्ली पहुंचा तो उनके अंतिम दर्शनों के लिए आम लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। हर कोई अपने नायक को अंतिम सलाम करना चाहता था। बारी-बारी से सभी ने उन्हें श्रद्धांजिल दी। मेजर विवेक गुप्ता की पत्नी कैप्टन जयश्री भी सेना की ड्रेस में वहां पहुंची और अपने अमर शहीद पति को सेल्यूट किया। इस घटना को कपिल देव भी ने भी देखा। जैसे ही कैप्टन जयश्री ने सैन्य धुन पर सलामी दी कपिल देव टीवी के सामने खड़े हो गए और रोने लगे। ये दोनों तस्वीरें जब मीडिया में प्रसारित और प्रकाशित हुईं तो देश में उबाल आ गया।
मेजर विवेक गुप्ता को मिला महावीर चक्र
मेजर विवक गुप्ता का जन्म 1970 में देहरादून में हुआ था। उनके पिता कर्नल बीआरएस गुप्ता फौज में थे। रण क्षेत्र में महान पराक्रम और असाधारण वीरता दिखाने के लिए मेजर विवेक गुप्ता को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।
-बृजेश द्विवेदी (लेखक वरिष्ठ पत्रकार व कवि हैं)