माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार तथा मोदी सरकार/मोदी पार्टी में कोई अन्तर नहीं क्योंकि ये दोनों पार्टियां एक ही सक्के के दो अलग-अलग पहलु है क्योंकि ये दोनों पार्टियां आर.एस.एस के माध्यम से उभरी है। माकन ने कहा कि आम आदमी पार्टी जिसने दिल्ली विधान सभा में भाजपा की सहायता से एक प्रस्ताव पास किया कि 1984 के दंगे एक नरसंहार था। वही उन्होंने 2002 के गुजरात दंगों को नरसंहार घोषित नहीं किया जबकि उस समय नरेन्द्र मोंदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा कि भाजपा व आम आदमी पार्टी इस विषय पर चुप क्यों है । इससे यह साबित होता है कि भाजपा और आम आदमी पार्टी की मिली भगत है और दोनों ने मिलकर ये प्रस्ताव पास किया है। ज्ञात हो कि कांग्रेस पार्टी व इसके नेताओं ने 1984 के दंगों को लेकर पहले ही कई बार खेद प्रकट किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 15 वर्ष के दिल्ली के कार्यकाल में विकास के बहुत सारे कार्य हुऐ और 9 वर्ष के अन्दर मेट्रो के किराए सिर्फ दो बार ही बढ़ाए गए है जबकि आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने 1 वर्ष में मैट्रो के किराए दो बार बढ़ा दिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में मेट्रो का कार्य एक दिन भी पीछे नहीं हुआ। जबकि इनके कार्यकाल में मेट्रो का फेस-3 तीन साल पीछे चल रहा है और चैथे फेस का कहीं अता पता नहीं है। श्री माकन ने कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार के राज में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था ठप्प हो गई है, वायु प्रदुषण खतरे से उपर पहुंच गया है, शिक्षा व बिजली का बूरा हाल है जिसके कारण लोगों की जिंदगी दुभर हो गई है। उन्होंने कहा कि बिजली के मीटरों पर फिक्स चार्ज 4 से 5 गुना बढ़ा दिए गए है ताकि अडानी व अंबानी को फायदा पहुंचाया जा सकें। श्री माकन ने कहा कि केजरीवाल और किरन वेदी अन्ना हजारे के लोकपाल को भूल गए है। श्री माकन ने कहा कि कांग्रेस के शासन में केजरीवाल ने यह धमकी थी कि 15 दिन में यदि लोकपाल नहीं बनाया तो वें धरने पर बैठेंगे और प्रदर्शन करेंगे परन्तु 5 वर्ष बीत चुके है कांग्र्रेस के द्वारा बनाया गया लोकपाल अभी तक लागू नहीं हुआ है।
माकन ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लडने के लिए सत्ता में आयी थी परन्तु ये दोनों पार्टिया ही भ्रष्टाचार के दल-दल में डूबी हुई है। इसलिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं घर-घर जाकर इनके भ्रष्टाचार की पोल खोलेंगे। माकन ने कहा कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगड़ और राजस्थान की जीत के पश्चात न सिर्फ कांग्रेस के कार्यकताओं का मनोबल बढ़ा है बल्कि अब देश की जनता 2019 के लोक सभा के चुनाव के लिए श्री राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की ओर देख रही है।